बोल बघेली बोल
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कखरी म लड़िका लये, मारत रही गोहार ।
टुकुर टुकुर देखत रही, दूरी से सरकार । ।
आँसू पीरा का लये, सिसकि रहा बंगाल।
ममताहीन ममता भयीं, बेलगाम चंडाल।।
धूं धूं कइके घर बरा, फूंक दिहिन सब गाँव ।
हमला काही कहि रहें, उइ दंगा सहनाव।।
हेमराज हंस
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