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सोमवार, 5 फ़रवरी 2018

मंगलवार, 16 जनवरी 2018

गुरुवार, 11 जनवरी 2018

गुरुवार, 28 दिसंबर 2017

संकलित लोक कथा

पहिले जब खड़े होकर लघु शंका करना निषिद्ध माना जाता था। तब की बात है।एक बालक खड़े होकर लघुशंका कर रहा था। गांव के एक बुजुर्ग ने देखा तो उसे समझाया बेटा एेसा नही करना चाहिये।वह बालक अनसुना करके चलते बना।दूसरे दिन पुन: उसी स्थिति में देख कर बुजुर्ग ने सोचा कि इस बालक के पिता जी से ओरहन दिया जाय।शायद अपने बाप की बात मान ले। वे उस बालक के पिता जी से ओरहन देने जा रहे थे तो वे देखते हैं कि उस लड़के का बाप घूम घूम कर लघुशंका कर रहा था।वे अपना हांथ सिर पर रख कर वापस आ गये। हे!!शारदा माई रक्षा करें

कटनी कवि सम्मेलन

मंगलवार, 12 सितंबर 2017

रोजी कै बात कर

 

रोजी कै बात कर रोटी का बात कर.
 गरीब हें निपरदा लगोटी कै बात कर।।

 त्रहि त्राहि मची ही पानी कै देस मां

, नाहक न बहैं पाबै टोंटी कै बात कर।।

 भरे कंठ माही बिक्ख नीलकंठ बन,

 समाज माही सीलासपोटी कै बात कर।।

 भले कल्लाथै पै कुतकुती तो ही,

 भउजाई केर चींथी चिकोटी कै बात कर।।

 जे आने क खनिस गड़बा आपै सकाय गा,

 नीकी हेर निंदा न खोटी कै बात कर।।

 बलार के गरे मां घंटी न बांध हंस

 पिंजरा बंद मिठ्ठू चित्रकोटी कै बात कर।। 

 हेमराज हंस भेंड़ा मैहर मप्र ९५७५२८७४९०

कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।

कीर्तिमान निश  दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।  जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।  आये   नया   बिहान   शारदा   के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके  ...