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मंगलवार, 16 जनवरी 2018

गुरुवार, 11 जनवरी 2018

गुरुवार, 28 दिसंबर 2017

संकलित लोक कथा

पहिले जब खड़े होकर लघु शंका करना निषिद्ध माना जाता था। तब की बात है।एक बालक खड़े होकर लघुशंका कर रहा था। गांव के एक बुजुर्ग ने देखा तो उसे समझाया बेटा एेसा नही करना चाहिये।वह बालक अनसुना करके चलते बना।दूसरे दिन पुन: उसी स्थिति में देख कर बुजुर्ग ने सोचा कि इस बालक के पिता जी से ओरहन दिया जाय।शायद अपने बाप की बात मान ले। वे उस बालक के पिता जी से ओरहन देने जा रहे थे तो वे देखते हैं कि उस लड़के का बाप घूम घूम कर लघुशंका कर रहा था।वे अपना हांथ सिर पर रख कर वापस आ गये। हे!!शारदा माई रक्षा करें

कटनी कवि सम्मेलन

मंगलवार, 12 सितंबर 2017

रोजी कै बात कर

 

रोजी कै बात कर रोटी का बात कर.
 गरीब हें निपरदा लगोटी कै बात कर।।

 त्रहि त्राहि मची ही पानी कै देस मां

, नाहक न बहैं पाबै टोंटी कै बात कर।।

 भरे कंठ माही बिक्ख नीलकंठ बन,

 समाज माही सीलासपोटी कै बात कर।।

 भले कल्लाथै पै कुतकुती तो ही,

 भउजाई केर चींथी चिकोटी कै बात कर।।

 जे आने क खनिस गड़बा आपै सकाय गा,

 नीकी हेर निंदा न खोटी कै बात कर।।

 बलार के गरे मां घंटी न बांध हंस

 पिंजरा बंद मिठ्ठू चित्रकोटी कै बात कर।। 

 हेमराज हंस भेंड़ा मैहर मप्र ९५७५२८७४९०

शुक्रवार, 4 अगस्त 2017

उई पहुंचे ससुरार

बघेली दोहे 

                      1 
राखी  टठिया मा धरे बहिनी तकै  दुआर। 
रक्षा बंधन के दिना  उई पहुंचे ससुरार।।
                       2 
खजुलैया लइके मिला  लडकइया का प्रेम। 
देखतै  जिव हरिआय गा बिसरा सगला नेम।
                       3 
सनकिन सनकी बात भै आगू पाछू देख। 
आँसू माही भीज गय  तब काजर कै रेख 
                    4 
हाथे मा मेंहदी रची लगा महाउर  पाँव। 
सावन मा गामै लगा कजरी सगला गांव।
    
हेमराज हंस --मैहर म प्र  95757490 
     

रविवार, 13 नवंबर 2016

भारत माँ की वंदगी

इससे अभी और जो व़यावसथा बेहतर चाहिये👆 तो देश को नेता नही  ,मोदी, सा मेहतर चाहिये ++ उठा सके जो भृषटाचार जैसी गंदगी! • भारत माँ की होगी सचची वंदगी ++ हेमराज सम

गुरुवार, 30 जून 2016

बघेली लोक साहित्य

बघेली लोक साहित्य 

जब से मूड़े मा कउआ बइठ है। 
अशगुन लये बऊआ बइठ है। । 

 इंदिरा आवास कै क़िस्त मिली ही 
वा खीसा मा डारे पउआ बइठ है। । 

पर साल चार थे दाना नहीं भा 
औ सेंदुर रुपया लये नउआ बइठ है। 
 
छै महिना से मजूरी नहीं मिली 
वा कखरी मा दाबे झउआ बइठ है। । 

उइ कहा थें देस भ्रष्टाचार मुक्त है 
कुर्सी मा जहां देखा तहां खउआ बइठ है। 
 
गरीबी से बोलिआय का अंदाज अलग है 
उई हंस का बताउथे भतखउआ बइठ है। । 

हेमराज हंस ===9575287490     

जब से मूड़े मा कउआ बइठ है। हेमराज हंस ===9575287490

बघेली लोक साहित्य 

जब से मूड़े मा कउआ बइठ है। 
अशगुन लये बऊआ बइठ है। । 
 
 इंदिरा आवास कै क़िस्त मिली ही 
वा खीसा मा डारे पउआ बइठ है। 
 
पर साल चार थे दाना नहीं भा 
औ सेंदुर रुपया लये नउआ बइठ है। 
 
छै महिना से मजूरी नहीं मिली 
वा कखरी मा दाबे झउआ बइठ है। । 
 
उइ कहा थें देस भ्रष्टाचार मुक्त है 
कुर्सी मा जहां देखा तहां खउआ बइठ है। । 
 
गरीबी से बोलिआय का अंदाज अलग है 
उई हंस का बताउथे भतखउआ बइठ है। । 
हेमराज हंस ===9575287490     

कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।

कीर्तिमान निश  दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।  जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।  आये   नया   बिहान   शारदा   के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके  ...