कीर्ति बिटिया माँ बनी, हरी भरी हुई गोद।
परिजन हैं उल्लास में, सबके मन में मोद।।
आशा दसमी शुभ तिथि, सुदी का स्वाति नक्षत्र।
दो हज्जार बायसी, का सम्बत पावस सत्र।।
नाती आयुष्मान भव , रहे ख़ुशी आह्लाद ।
सबकी है शुभकामना सबका आशीर्वाद।।
बघेली साहित्य -का संग्रह हास्य व्यंग कविता गीत ग़ज़ल दोहा मुक्तक छंद कुंडलिया
परिजन हैं उल्लास में, सबके मन में मोद।।
आशा दसमी शुभ तिथि, सुदी का स्वाति नक्षत्र।
दो हज्जार बायसी, का सम्बत पावस सत्र।।
नाती आयुष्मान भव , रहे ख़ुशी आह्लाद ।
सबकी है शुभकामना सबका आशीर्वाद।।
ग्राम पंचायत बड़गांव में 29 जून को शाम 7.30 बजे से राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है । उल्लेखनीय है कि दिन में वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार और संस्कृतिकर्मी संतोष कुमार द्विवेदी जो लोकनाथ के उपनाम से कविताएं लिखते हैं के कविता संग्रह "खुरदुरे पत्थर" का विमोचन सामुदायिक भवन उमरिया में होगा, उसके बाद उनके जन्मस्थान बड़गांव में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन आयोजित है जिसमें देश भर से कवि, गीतकार, ग़ज़लकार शामिल होंगे ।
ग्राम पंचायत बड़गांव के संयोजन में हो रहा मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन का यह आयोजन लब्धप्रतिष्ठ कवि, आलोचक प्रो. दिनेश कुशवाह अध्यक्ष- हिंदी विभाग, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा, की अध्यक्षता और सुविख्यात कवि श्री अष्टभुजा शुक्ल के मुख्य आतिथ्य में संपन्न होगा ।
आयोजन का शुभारंभ ख्यात लोक गायक नरेंद्र बहादुर सिंह, अरविंद पटेल और आरती मालवी के बघेली लोक गायन से होगा ।
कवि सम्मेलन में शामिल होंगे राष्ट्रीय ख्याति के कवि
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कवि सम्मेलन में राष्ट्रीय ख्याति के कवि रचनापाठ करेंगे । जिसमें मुख्य हैं यश मालवीय ( इलाहाबाद), केशव तिवारी (बांदा), वेद प्रकाश शर्मा ( गाजियाबाद), श्री अभय तिवारी (जबलपुर), विनोद पदरज (राजस्थान), इंदु श्रीवास्तव (जबलपुर) शरद जायसवाल हास्य कवि (कटनी), हेमराज हंस और रावेंद्र शुक्ल बघेली कवि प्रमुख हैं ।
कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।
जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।
आये नया बिहान शारदा के प्रिय लालन ।
मैहर का हो आपके कर कमलों संचालन।।
माँ शारद से विनय है , आप हों दीप्तिमान।
मैहर के प्रिय लाल , बढ़े यश कीर्तिमान।।
हेमराज हंस
बोल बघेली बोल
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जब भारत कीन्हिस सुरु,अपरेसन सिन्दूर।
ता अतंक के बाप का, पाप भा चकनाचूर।।
सिन्दूरी आँधी चली, छोड़िस अइसा छाप।
कुछ जन मुँह ओरमा लिहिन, जना मरा हो बाप।।
हेमराज हंस
बम बम बम बम बब्बा बोला अरारा रे।
रकत बूंद का धब्बा बोला अरारा रे ।।
भारत के सिन्दूर कै सक्ती देख रही दुनिया पूरी
आतंकिन का अब्बा बोला अरारा रे।।
हेमराज हंस
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कखरी म लड़िका लये, मारत रही गोहार ।
टुकुर टुकुर देखत रही, दूरी से सरकार । ।
आँसू पीरा का लये, सिसकि रहा बंगाल।
ममताहीन ममता भयीं, बेलगाम चंडाल।।
धूं धूं कइके घर बरा, फूंक दिहिन सब गाँव ।
हमला काही कहि रहें, उइ दंगा सहनाव।।
हेमराज हंस
बोल बघेली बोल
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हमरे देस मा बन चुके, खासे निर्मल गाँव।
लोटिआ लै बाहर चलीं, बहू बराये पांव।।
हेमराज हंस
श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास। उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।। सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर। रिमही मा हें सरस जी , जस पा...