बघेली साहित्य -का संग्रह हास्य व्यंग कविता गीत ग़ज़ल दोहा मुक्तक छंद कुंडलिया
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मंगलवार, 20 अक्टूबर 2015
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : शौचालय बनवाबा घर मा शौचालय बनवाबा।
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : शौचालय बनवाबा घर मा शौचालय बनवाबा।: शौचालय बनवाबा शौचालय बनवाबा भाई शौचालय बनवाबा। अपने घर के बड़मंशी का बहिरे न बगवाबा। । हमरी ब...
सोमवार, 19 अक्टूबर 2015
शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2015
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : मातु शारदे हे मातु शारदे सम्बल दे तै निर्बल छिनी म...
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : मातु शारदे हे मातु शारदे सम्बल दे तै निर्बल छिनी म...: मातु शारदे हे मातु शारदे सम्बल दे तै निर्बल छिनी मनंगा का। मोरे देस कै शान बढ़ै औ बाढ़ै मान तिरंगा का। । दिन दिन दूना होय देस मा ...
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : शौचालय बनवाबा घर मा शौचालय बनवाबा।
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : शौचालय बनवाबा घर मा शौचालय बनवाबा।: शौचालय बनवाबा शौचालय बनवाबा घर मा शौचालय बनवाबा। अपने घर के बड़मंशी का बहिरे न बगवाबा। । हमरी ...
गुरुवार, 15 अक्टूबर 2015
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : मातु शारदे हे मातु शारदे सम्बल दे तै निर्बल छिनी म...
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : मातु शारदे हे मातु शारदे सम्बल दे तै निर्बल छिनी म...: मातु शारदे हे मातु शारदे सम्बल दे तै निर्बल छिनी मनंगा का। मोरे देस कै शान बढ़ै औ बाढ़ै मान तिरंगा का। । दिन दिन दूना होय देस मा ...
मातु शारदे
हे मातु शारदे सम्बल दे तै निर्बल छिनी मनंगा का।
मोरे देस कै शान बढ़ै औ बाढ़ै मान तिरंगा का। ।
दिन दिन दूना होय देस मा लोक तंत्र मजबूत।
घर घर बिटिया विदुषी हो औ लड़िका होय सपूत। ।
विद्वानन से सभा सजै औ पतन होय हुरदंगा का।
'वसुधैव कुटुम्बम 'केर भावना बसी रहय सबके मन मा।
औ परबस्ती निता ललायित रहै कामना जन जन मा। ।
देस प्रेम कै जोत जुगै कहूँ मिलै ठउर न दंगा का।
खेलै पढ़ै बढ़ै विद्यार्थी रोजी मिलै जवानन का।
रोटी औ सम्मान मिलै घर घर बूढ़ सयानन का। ।
'रामेश्वरम मा चढ़त रहै जल गंगोतरी के गंगा का।
हेमराज हंस -----9575287490
शुक्रवार, 25 सितंबर 2015
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : 'अन्त्योदय' के मंत्र हें पंडित दीनदयाल। । हेमराज...
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : 'अन्त्योदय' के मंत्र हें पंडित दीनदयाल। । हेमराज...: गाहिंज करै गरीब कै करय दीन का ख्याल। 'अन्त्योदय' के मंत्र हें पंडित दीनदयाल। । हेमराज हंस
'अन्त्योदय' के मंत्र हें पंडित दीनदयाल। । हेमराज हंस
गाहिंज करै गरीब कै करय दीन का ख्याल।
'अन्त्योदय' के मंत्र हें पंडित दीनदयाल। ।
हेमराज हंस
'अन्त्योदय' के मंत्र हें पंडित दीनदयाल। ।
हेमराज हंस
शुक्रवार, 18 सितंबर 2015
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : हमरे टोरिअन काही खाये जा थै दइया रे।
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : हमरे टोरिअन काही खाये जा थै दइया रे।: बिटिया ठुम्मुक ठुम्मुक जाथी स्कूले ड्रेस पहिर के बइया रे। टाँगे बस्ता पोथी पत्रा बिटिया बनी पढ़इया रे। । खेलै चन्द...
हमरे टोरिअन काही खाये जा थै दइया रे।
बिटिया
ठुम्मुक ठुम्मुक जाथी स्कूले ड्रेस पहिर के बइया रे।
टाँगे बस्ता पोथी पत्रा बिटिया बनी पढ़इया रे। ।
खेलै चन्दा, लगड़ी, गिप्पी, गोटी, पुत्ता -पुत्ती ।
छीन भर मा मनुहाय जाय औ छिन भर माही कुट्टी। ।
बिट्टी लल्ला का खिसबाबै ''लोल बटाइया रे''। ।
ठउर लगाबै अउजै परसै करै चार ठे त्वारा।
कहू चढ़ी बब्बा के कइयां कहु अम्मा के क्वारा। ।
जब रिसाय ता पापा दाकै पकड़ झोठइया रे।
बिन बिटिया के अंगना अनमन घर बे सुर कै बंसी।
बिटिया दुइ दुइ कुल कै होतीं मरजादा बड़मंसी। ।
हमरे टोरिअन काही खाये जा थै दइया रे।
भले नही भइ भये मा स्वाहर पै न माना अभारु।
लड़िका से ही ज्यादा बिटिया ममता भरी मयारू। ।
पढ़ी लिखी ता बन जई टोरिया खुदै सहय्याँ रे।
कन्यन कै होइ रही ही हत्या बिगड़ि रहा अनुपात।
यहै पतन जो रही 'हंस ' ता कइसा सजी बरात। ।
मुरही कोख से टेर लगाबै बचा ले मइया रे। ।
हेमराज हंस --9575287490
(आकाशवाणी रीवा से प्रसारित )
रविवार, 6 सितंबर 2015
बघेली नही ता अब वा ओरहन देई पं दीनदयाल से। ।
बघेली मुक्तक
आबा भाई आँसू पोंछी पचके पचके गाल से।
नही ता अब वा ओरहन देई पं दीनदयाल से। ।
टूट बडेरी अस जिंदगानी पाछू बइठ समाज के
अजुअव ओढ़काबा है टटबा जेखे सत्तर साल से। ।
हेमराज हंस
BAGHELI वा लोकतंत्र का मंदिर औ विश्वास आय।
बघेली मुक्तक
वा लोकतंत्र का मंदिर औ विश्वास आय।
समाज का चित्र औ वहै इतिहास आय। ।
ओका दूध से भरा चाह दारू से
आपन सदन त एक गिलास आय। ।
हेमराज हंस
सोमवार, 24 अगस्त 2015
नाच रही ही दुलदुल घोड़ी
नाच रही ही दुलदुल घोड़ी
नाच रही ही दुल दुल घोड़ी।
मँहगाई गुंडई कै जोड़ी। ।
अच्छे दिन केत्ती दूरी हें
पूछ रही पापा से मोड़ी। ।
हेमराज हंस
रविवार, 16 अगस्त 2015
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli kavitaआबा मुखिया जी स्वागत है
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli kavitaआबा मुखिया जी स्वागत है: आबा मुखिया जी स्वागत है आबा मुखिया जी स्वागत है। शारद मइया कै धर्म भूमि। य 'बाबा 'जी कै कर्म भूमि। । भुइ गोलामठ औढरद...
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