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गुरुवार, 13 फ़रवरी 2025


 


 


 


 

CHITRKOOT KAVI SAMMELAN 08.02.2025


 


 

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बुधवार, 5 फ़रवरी 2025

सुरक्षित आयें सुरक्षित जायें।

सुरक्षित आयें सुरक्षित जायें। 
आपको मेरी शुभकामनायें।। 

रखें  सुरक्षा    चक्र  अटूट। 
हेलमेट चश्मा बेल्ट औ बूट। ।  
स्वयं औ  साथी को समझायें। 
सुरक्षित आयें सुरक्षित जायें।  
आपको मेरी शुभकामनायें।। 

बिना  सुरक्षा  जीवन कैसा।
खुली हवा  में दीपक जैसा ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‍‍।। 
आमंत्रित होती  हैं घटनायें। 
सुरक्षित आयें सुरक्षित जायें।।  
आपको मेरी शुभकामनायें।। 

लापरवाही से है नुकसान। 
छीने  रोजी औ मुस्कान।।  
अतः सुरक्षा को अपनायें। 
सुरक्षित आयें सुरक्षित जायें।  
आपको मेरी शुभकामनायें।। 

है हर काम देश की सेवा। 
साक्षी  है  गंगा  औ  रेवा।।
युगों  युगों  से  रही प्रथायें।
सुरक्षित आयें सुरक्षित जायें।  
आपको मेरी शुभकामनायें।।  

रहे बोध कर्तव्य का हर में। 
कोई  प्रतीक्षा रत  है घर में । । 
सिद्धि  सुरक्षा  संभावनाएं। 
सुरक्षित आयें सुरक्षित जायें।  
आपको मेरी शुभकामनायें।।  
 

शनिवार, 11 जनवरी 2025

गदहा परेसान है गइया के प्रतिष्ठा मा । ।

पसीना का ठगि  के वा  बइठ हबै  भिट्ठा मा। 
कइउ  ठे लजुरी   खिआनी   है   घिट्टा  मा । । 
सेंतय   का   जरा   बरा   जाथै   कमेसुर वा 
गदहा  परेसान  है  गइया  के  प्रतिष्ठा   मा । ।
 
हमरे   नुकसान  केर  डाँड़  बांकी  है। 
दुस्ट औ कृतघ्न कै दुइ फांड़ बांकी है।। 
जोकर उपाय  कइ  सब  हीच चुके हैं 
फलाने कहि रहें हें की भाँड़ बांकी है। ।

 हमी  रूप  से का  मतलब, हम ता आंखर मा रीझे हन। 
बानी के मंत्र लिखे कागद, हम मस मा खूब पसीझे हन।।
तुम प्रेम पिआसी पिंगला ता , हम उदासीन भरथरी हयन 
तुम्ही  शुभ  होय  तुम्हार  प्रेम, हम ता आंसू मा भींजे हन।। 

उइ   जेही  छूइ   देथें  वा  सोन  बन जाथै । 
खारा   पानी   जम   के  नोन    बन  जाथै ।।   
जादा   ना  सताबा   कउनव    गरीब   का
अपमान पी के एक दिन वा द्रोन बन जाथै ।। 
   
वा  एक   पुड़िया   कुरकुरा   मा  रगाय  गा।
पै  रोय  के सबका   नींद   से   जगाय   गा ।।
उनही   पुटिआमै   का  अउराथै    नीक  के 
घुनघुना  धराय के अउंटा पिअय सिखाय गा।।

गुरतुर का गुरतुर सखार का सखार कहा।
सांझ का सांझ सकार का सकार कहा।। 
 भले केत्तव  सजाबा  बनउक  बिझूका 
तोखार  न  बनी  वोही  धोखार   कहा। । 

या  ता अहरी आय  बखरी  कहूं  अउर  ही। 
मन तउलय के निता तखरी कहूं अउर ही। 
अब ता  कायलिव रचाये ओंठ   बागा थी 
प्रेम  काहू से  ता  पैपखरी  कहूं  अउर  ही।। 

बुधवार, 23 अक्टूबर 2024

मैहर की इक शान थे विजयनारायण राय।

 

मैहर की इक शान थे विजयनारायण राय। 

जीवन में जाना नहीं अपना और पराय।। 


चाह सियासी मंच हो या साहित्य सोपान। 

अब तक मैहर ढ़ूढ़ता उन जैसा प्रतिमान।। 


है कृतज्ञ जिनका यहां पावन मैहर धाम। 

काल खण्ड में अमर है उनका सादर नाम।। 


जन नायक होते नही किसी जाति मे कैद।

वे बीमार समाज के हैं शुभ चिंतक वैद।। 

                    हेमराज हंस भेड़ा

कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।

कीर्तिमान निश  दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।  जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।  आये   नया   बिहान   शारदा   के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके  ...