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शुक्रवार, 4 अगस्त 2017

उई पहुंचे ससुरार

बघेली दोहे 

                      1 
राखी  टठिया मा धरे बहिनी तकै  दुआर। 
रक्षा बंधन के दिना  उई पहुंचे ससुरार।।
                       2 
खजुलैया लइके मिला  लडकइया का प्रेम। 
देखतै  जिव हरिआय गा बिसरा सगला नेम।
                       3 
सनकिन सनकी बात भै आगू पाछू देख। 
आँसू माही भीज गय  तब काजर कै रेख 
                    4 
हाथे मा मेंहदी रची लगा महाउर  पाँव। 
सावन मा गामै लगा कजरी सगला गांव।
    
हेमराज हंस --मैहर म प्र  95757490 
     

रविवार, 13 नवंबर 2016

भारत माँ की वंदगी

इससे अभी और जो व़यावसथा बेहतर चाहिये👆 तो देश को नेता नही  ,मोदी, सा मेहतर चाहिये ++ उठा सके जो भृषटाचार जैसी गंदगी! • भारत माँ की होगी सचची वंदगी ++ हेमराज सम

गुरुवार, 30 जून 2016

बघेली लोक साहित्य

बघेली लोक साहित्य 

जब से मूड़े मा कउआ बइठ है। 
अशगुन लये बऊआ बइठ है। । 

 इंदिरा आवास कै क़िस्त मिली ही 
वा खीसा मा डारे पउआ बइठ है। । 

पर साल चार थे दाना नहीं भा 
औ सेंदुर रुपया लये नउआ बइठ है। 
 
छै महिना से मजूरी नहीं मिली 
वा कखरी मा दाबे झउआ बइठ है। । 

उइ कहा थें देस भ्रष्टाचार मुक्त है 
कुर्सी मा जहां देखा तहां खउआ बइठ है। 
 
गरीबी से बोलिआय का अंदाज अलग है 
उई हंस का बताउथे भतखउआ बइठ है। । 

हेमराज हंस ===9575287490     

जब से मूड़े मा कउआ बइठ है। हेमराज हंस ===9575287490

बघेली लोक साहित्य 

जब से मूड़े मा कउआ बइठ है। 
अशगुन लये बऊआ बइठ है। । 
 
 इंदिरा आवास कै क़िस्त मिली ही 
वा खीसा मा डारे पउआ बइठ है। 
 
पर साल चार थे दाना नहीं भा 
औ सेंदुर रुपया लये नउआ बइठ है। 
 
छै महिना से मजूरी नहीं मिली 
वा कखरी मा दाबे झउआ बइठ है। । 
 
उइ कहा थें देस भ्रष्टाचार मुक्त है 
कुर्सी मा जहां देखा तहां खउआ बइठ है। । 
 
गरीबी से बोलिआय का अंदाज अलग है 
उई हंस का बताउथे भतखउआ बइठ है। । 
हेमराज हंस ===9575287490     

सोमवार, 27 जून 2016

धौं पुन आपन धइना देखा।।

 बघेली लोक साहित्य
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पहिले भइलो अईना  देखा। 
धौं  पुन आपन धइना  देखा।। 
चश्मा केर पोंछि  के धूधुर  
जनता केर तरइना देखा। । 
हेमराज हंस 

रविवार, 10 अप्रैल 2016

bagheli kavitaसरासरीहन लबरी हिबै मोबाइल मा।

बघेली 
सरासरीहन लबरी हिबै मोबाइल मा। 
सुन्दर कानी कबरी हिबै मोबाइल मा। । 

क्याखर कासे प्यार की बातैं होती हैं 
दबी मुदी औ तबरी हिबै  मोबाइल मा। । 

विस्वामित्र मिसकॉल देख बिदुराय लगें 
अहा !मेनका परी हिबै  मोबाइल मा। । 

नई सदी के हमूं पांच अपराधी हन 
जाति गीध कै मरी हिबै  मोबाइल मा। । 

कोउ हल्लो कहिस कि आँखी भींज गयीं 
कहू कै खुश खबरी हिबै  मोबाइल मा। । 

अब ता दण्डकवन से बातें होती हैं 
श्री राम कहिन कि शबरी हिबै  मोबाइल मा। । 

''हँस ''बइठ हें भेंड़ा भिण्ड बताउथें 
सरासरीहन लबरी हिबै मोबाइल मा। 
हेमराज हँस 

रविवार, 7 फ़रवरी 2016

baghelipoem ''हँस ''बइठ हें भेंड़ा भिण्ड बताउथें

बघेली 
सरासरीहन लबरी हिबै मोबाइल मा। 
सुन्दर कानी कबरी हिबै मोबाइल मा। । 

क्याखर कासे प्यार की बातैं होती हैं 
दबी मुदी औ तबरी हिबै  मोबाइल मा। । 

विस्वामित्र मिसकॉल देख बिदुराय लगें 
अहा !मेनका परी हिबै  मोबाइल मा। । 

नई सदी के हमूं पांच अपराधी हन 
जाति गीध कै मरी हिबै  मोबाइल मा। । 

कोउ हल्लो कहिस कि आँखी भींज गयीं 
कहू कै खुश खबरी हिबै  मोबाइल मा। । 

अब ता दण्डकवन से बातें होती हैं 
श्री राम कहिन कि शबरी हिबै  मोबाइल मा। । 

''हँस ''बइठ हें भेंड़ा भिण्ड बताउथें 
सरासरीहन लबरी हिबै मोबाइल मा। 
हेमराज हँस 

मंगलवार, 2 फ़रवरी 2016

शौचालय बनवाबा भाई शौचालय बनवाबा। BAGHELI KAVITA

शौचालय बनवाबा 

शौचालय बनवाबा भाई  शौचालय बनवाबा। 
अपने घर के बड़मंशी का बहिरे न बगवाबा। । 
                                हमरी  बहिनी बिटिया बहुअय बपुरी जांय बगारे। 
                                यहैं तकै झुकमुक ब्यारा का वहै उचै भिनसारे। । 
                                घर के मरजादा का भाई अब न यतर सताबा। 
                                शौचालय बनवाबा भाई  शौचालय बनवाबा। । 

फिरंय लुकाये लोटिया बपुरी  मन मा डेरातीं आप। 
निगडउरे मा बीछी चाबै चाह खाय ले सांप। । 
सबसे जादा चउमासे मा  हो थें जिव के क्याबा। 
शौचालय बनवाबा भाई  शौचालय बनवाबा। । 

                              तजी  सउख मोबाइल कै औ भले न देखी  टीबी। 
                              शौचालय बनवाई  घर मा अपना हन बुधजीबी। । 
                              सरकारव कइ रही मदद औ कुछ अपने से लगाबा। 
                            
शौचालय बन बनवाबा भाई  शौचालय बनवाबा। । 

जब घर मा शौचालय होइ ता ही घर कै सज्जा। 
तब न खेत बगारे बागी अपने  घर कै लज्जा। । 
करा  कटौती अउर खर्च कै निर्मल घर बनवाबा। 
शौचालय बनवाबा भाई शौचालय बनवाबा। । 

                            शौचालय बनवाय घरे मा चला गंदगी पहटी। 
                           पाई साँस जब शुद्ध हबा हरहजा रोग न लहटी। । 
                          चला 'हंस 'सब जन कोऊ मिल के य संकल्प उछाबा। 
                          शौचालय बनवाबा घर मा शौचालय बनवाबा। । 

    @ हेमराज हंस -----9575287490

सोमवार, 11 जनवरी 2016

बड्डे धन्ना सेठ।

बहुत बड़े धर्मात्मा बड्डे धन्ना सेठ। 
पै ओखर नोकर रहैं बपुरे भूखे पेट।। 
हेमराज हंस  

ठगी गै जनता खूब। हेमराज हंस

पिछले सत्तर साल से ठगी गै जनता खूब। 
नेतन कै गोनियाँ लदी जंतै दोनियाँ दूब। । 
हेमराज हंस 

bagheli जागा जनगण देव।

आरव मिला चुनाव का जागा जनगण देव। 
राजनीत ख्यालैं लगी मेर मेर फउरेब। । 
हेमराज हंस  

विंध्य का दक्खिन द्वार।।

कोऊ गाना गा रहा मारै कोऊ गोहार। 
राजनीत मा रंजा  है विंध्य का दक्खिन द्वार।। 
हेमराज हंस  

रविवार, 10 जनवरी 2016

काल्ह मिला एक ठे मतदाता।

काल्ह मिला एक ठे मतदाता। 
कहिस कि आय गें ज्वारैं नाता। । 
अबै तक बुजबुजी नही चली। 
अब बागै लागें गली गली। । 
छोड़ के ए सी महल अटारी। 
कुच्छ न पूछा हाल बिहारी। । 

हेमराज हंस 

bagheli doha ओखे जिव का ब्याध। ।

बिन  गोनरी गगरी धरे रही प्यास का साध। 
तोहरे निता श्रृंगार रस ओखे जिव का ब्याध। । 
हेमराज हंस 

कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।

कीर्तिमान निश  दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।  जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।  आये   नया   बिहान   शारदा   के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके  ...