बघेली साहित्य -का संग्रह हास्य व्यंग कविता गीत ग़ज़ल दोहा मुक्तक छंद कुंडलिया
यह ब्लॉग खोजें
बुधवार, 2 जुलाई 2025
मंगलवार, 1 जुलाई 2025
सोमवार, 30 जून 2025
बुधवार, 18 जून 2025
कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।
कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।
जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।
आये नया बिहान शारदा के प्रिय लालन ।
मैहर का हो आपके कर कमलों संचालन।।
माँ शारद से विनय है , आप हों दीप्तिमान।
मैहर के प्रिय लाल , बढ़े यश कीर्तिमान।।
हेमराज हंस
बुधवार, 7 मई 2025
,अपरेसन सिन्दूर
बोल बघेली बोल
===========
जब भारत कीन्हिस सुरु,अपरेसन सिन्दूर।
ता अतंक के बाप का, पाप भा चकनाचूर।।
सिन्दूरी आँधी चली, छोड़िस अइसा छाप।
कुछ जन मुँह ओरमा लिहिन, जना मरा हो बाप।।
हेमराज हंस
बम बम बम बम बब्बा बोला अरारा रे।
रकत बूंद का धब्बा बोला अरारा रे ।।
भारत के सिन्दूर कै सक्ती देख रही दुनिया पूरी
आतंकिन का अब्बा बोला अरारा रे।।
हेमराज हंस
रविवार, 27 अप्रैल 2025
मइहर कवि दरबार के, रामनरेश
सम्माननीय कविवर श्री युत रामनरेश तिवारी जी को जन्म दिन की हार्दिक बधाई शुभकामनायें ,शतायु हों स्वस्थ्य रहें मंगलकामना
शनिवार, 19 अप्रैल 2025
सिसकि रहा बंगाल
बोल बघेली बोल
****************
कखरी म लड़िका लये, मारत रही गोहार ।
टुकुर टुकुर देखत रही, दूरी से सरकार । ।
आँसू पीरा का लये, सिसकि रहा बंगाल।
ममताहीन ममता भयीं, बेलगाम चंडाल।।
धूं धूं कइके घर बरा, फूंक दिहिन सब गाँव ।
हमला काही कहि रहें, उइ दंगा सहनाव।।
हेमराज हंस
सोमवार, 14 अप्रैल 2025
हमरे देस मा बन चुके
बोल बघेली बोल
==========
हमरे देस मा बन चुके, खासे निर्मल गाँव।
लोटिआ लै बाहर चलीं, बहू बराये पांव।।
हेमराज हंस
रविवार, 13 अप्रैल 2025
बंगाल मा ! हा हा कार मचा है
मंगलवार, 8 अप्रैल 2025
जउन बोया वा काटा भाई।
सोमवार, 31 मार्च 2025
हमीं बधाई खुब दिहन
हमीं बधाई खुब दिहन, बसकट केर अपार।
अपना केर अभार है, सादर राम जोहार।।
पटल के कबि बिद्वान का, जथा जोग परनाम।
राम ब्रम्ह अच्छर करैं, दुनिया मा जस नाम। ।
हेमराज हंस
रविवार, 30 मार्च 2025
चल रही गाड़ी राम भरोसे।
लेबल
- अपरेसन सिन्दूर
- कबिबर रामनरेश
- कवि सम्मेलन
- कवि अनमोल बटरोही
- कामिल बुल्के
- कुण्डलिया
- छणिका .
- जन्म दिन
- जयराम शुक्ल जी
- तुलसीदास
- दोहा
- धरोहर
- नबा सम्बत
- नौ रात्रि
- परशुराम
- परिचय
- बघेली गजल
- बघेली छन्द
- बघेली कविता
- बघेली क्षणिका
- बघेली दोहा
- बघेली दोहे संग्रह
- बघेली मुक्तक
- बघेली मुक्तक.
- मंचीय मुक्तक
- मुक्तक
- मेरी पसंद
- मैहर जिला
- रामनरेश तिवारी जी
- विजयनारायण राय
- श्री शिवशंकर सरस जी
- संकलित
- संस्मरण
- सम्मान
- स्मृति शेष
- हनुमान चालीसा
- हिन्दी साहित्य
- होली
- ATALJI
- BABU JI
- bagheli muktak
- doha
- KAVI HARI KUSHWAHA MAIHAR
- KAVI MITRA
- KAVI SAMMELAN
- kavita
- KUMBH 2025
- muktak
- SHLOK
-
बघेली लोक साहित्य जब से मूड़े मा कउआ बइठ है। अशगुन लये बऊआ बइठ है। । इंदिरा आवास कै क़िस्त मिली ही वा खीसा मा डारे पउआ बइठ ...
-
पहिले जब खड़े होकर लघु शंका करना निषिद्ध माना जाता था। तब की बात है।एक बालक खड़े होकर लघुशंका कर रहा था। गांव के एक बुजुर्ग ने देखा तो उसे...
-
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli kavita नाती केर मोहगरी ''आजा'' जुगये आस कै... : बघेली कविता www.baghelisahitya.co...
-
बघेली लोक साहित्य जब से मूड़े मा कउआ बइठ है। अशगुन लये बऊआ बइठ है। । इंदिरा आवास कै क़िस्त मिली ही वा खीसा मा डारे पउआ बइठ ...
-
बघेली लोक साहित्य -------------------------- पहिले भइलो अईना देखा। धौं पुन आपन धइना देखा। । चश्मा केर पोंछि के धूधुर जनत...
श्री शिवशंकर सरस जी
श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास। उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।। सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर। रिमही मा हें सरस जी , जस पा...
.jpeg)



.jpeg)






.jpg)


.jpeg)
.jpeg)
.jpeg)

.jpeg)