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मंगलवार, 21 अप्रैल 2015

बघेली  

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पूछी अपना बपुरी से कि कइसा जी रही 
जेही कोऊ गारी दइस होय बाँझ कै। 
बीर पदमधर का या पीढ़ी नहीं जानै 
उनही मुखागर हें  किस्सा हीर रांझ कै। । ------------
  हेमराज हंस  

सोमवार, 20 अप्रैल 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : हम तोहरे गर का हार बन्यन पै तुम गर फांसी अस।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : हम तोहरे गर का हार बन्यन पै तुम गर फांसी अस।: बघेली  हम तोहरे गर का हार बन्यन पै तुम गर फांसी अस।  तुम राहू केतू बन बइठया औ हम पुनमासी अस। ।                   हेमराज हंस

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : उनही दइ द्या ठेव सुरिज का दउरै न सरसेट के। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : उनही दइ द्या ठेव सुरिज का दउरै न सरसेट के। ।: मुक्तक    दरबारन मा चर्चा ही कम्प्यूटर इंटरनेट  के।  औ खेतन मा मरै किसनमा फंदा गरे लपेट के। ।  केत्तव निकहा बीज होय पै पनपै नही छहेल...

उनही दइ द्या ठेव सुरिज का दउरै न सरसेट के। ।

मुक्तक  

दरबारन मा चर्चा ही कम्प्यूटर इंटरनेट  के। 

औ खेतन मा मरै किसनमा फंदा गरे लपेट के। । 

केत्तव निकहा बीज होय पै पनपै नही छहेला मा 

उनही दइ द्या ठेव सुरिज का दउरै न सरसेट के। । 

 हेमराज हंस -----------9575287490 

हम तोहरे गर का हार बन्यन पै तुम गर फांसी अस।

बघेली 

हम तोहरे गर का हार बन्यन पै तुम गर फांसी अस। 
तुम राहू केतू बन बइठया औ हम पुनमासी अस। । 
                 हेमराज हंस  

रविवार, 19 अप्रैल 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : अपनेन देस के माटी मा हम कब तक रहब अछूत। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : अपनेन देस के माटी मा हम कब तक रहब अछूत। ।: अछूत  जुगन बीति गें पुरखन पीढ़ी पियत य माहुर घूंट।  अपनेन देस के माटी मा हम कब तक रहब अछूत। ।      एक दइव की हम सन्तानै कहै पुरान औ व...

अपनेन देस के माटी मा हम कब तक रहब अछूत। ।

अछूत 

जुगन बीति गें पुरखन पीढ़ी पियत य माहुर घूंट। 
अपनेन देस के माटी मा हम कब तक रहब अछूत। । 
    एक दइव की हम सन्तानै कहै पुरान औ वेद। 
   तब काहे का छुआ छूत औ जातपांत का खेद।।
      इसुर ता सब के बांधे है लाल रंग का सूत।  
      अपनेन देस के…… ……… 
हमिन रची देवालय का औ मूरत हमिन बनाई। 
औ जब पूजा करय जई ता भीतर घुसै न पाई। । 
हमरे पुजहाई टठिया का पंडित कहैं अछूत। 
  अपनेन देस के.............. 
रामराज भें उदय राज ता खूब मचाया हल्ला। 
पै समाज के या कुरीत का किहा न एकव तल्ला। ।
कइसा  रुकी धरम परिवर्तन या तोहरे करतूत। 
 अपनेन देस के…… ……… 
धरम कै चिन्ता ही ता पहिले छुआछूत का म्याटा। 
आन कै फूली पाछू झांक्या देखा आपन टयाँटा।।
  ''ईश्वर अंसही कछु नहि भेदा ''तुलसी कै कहनूत। । 
अपनेन देस के माटी मा हम कब तक रहब अछूत। ।
       हेमराज हंस ----9575287490 



शनिवार, 18 अप्रैल 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : पेटहा जब मुखिया बना लुक लुक के खुब खाय।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : पेटहा जब मुखिया बना लुक लुक के खुब खाय।: दोहा  पेटहा जब मुखिया बना लुक लुक के खुब खाय।  अस्पताल   हिंठै  लगा  तउ न  मन पछताय। ।    हेमराज हंस ----

पेटहा जब मुखिया बना लुक लुक के खुब खाय।

दोहा 

पेटहा जब मुखिया बना लुक लुक के खुब खाय। 
अस्पताल   हिंठै  लगा  तउ न  मन पछताय। । 
  हेमराज हंस ----

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : मुंह माही महिपर धरे मन मा भरे कुनैन।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : मुंह माही महिपर धरे मन मा भरे कुनैन।: दोहा  मुंह माही महिपर धरे मन मा भरे कुनैन।  अहित करै जे आन का ओही सुक्ख न चैन। ।           हेमराज हंस ---                           ...

मुंह माही महिपर धरे मन मा भरे कुनैन।

दोहा 

मुंह माही महिपर धरे मन मा भरे कुनैन। 
अहित करै जे आन का ओही सुक्ख न चैन। । 
         हेमराज हंस ---                              

गुरुवार, 16 अप्रैल 2015

कविता 

सुविधाएं हैं दूर दूर सब श्रम सीकर के योगी से। 
कह देना संदेश हमारा ''शंकर गुहा नियोगी से। । 

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : वमै हमरे देस का चरित्र चपा है। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : वमै हमरे देस का चरित्र चपा है। ।: मुक्तक  उनही जातिवाद मा खासा नफा है।  ओहिन मा सत्ता का सुदिन छपा है। ।  जातिवाद देस मा देवारी के परीबा अस  वमै हमरे देस का चरित्र ...

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : बइरी का कहत बाप चौराहा मा ठाढ़ है। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : बइरी का कहत बाप चौराहा मा ठाढ़ है। ।: मुक्तक  अपना का छाँड़ा पाप चौराहा मा ठाढ़ है।  बइरी का कहत बाप चौराहा मा ठाढ़ है। ।  कुरसी     कै   भूंख   मुखर्जी  का भूल गै  अब ह...

कीर्ति बिटिया माँ बनी

 कीर्ति बिटिया माँ बनी, हरी भरी हुई गोद।  परिजन हैं उल्लास में, सबके मन में मोद।।  आशा दसमी शुभ तिथि, सुदी का स्वाति नक्षत्र।   दो हज्जार  ब...