यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, 16 अप्रैल 2015

बइरी का कहत बाप चौराहा मा ठाढ़ है। ।

मुक्तक 


अपना का छाँड़ा पाप चौराहा मा ठाढ़ है। 
बइरी का कहत बाप चौराहा मा ठाढ़ है। । 
कुरसी     कै   भूंख   मुखर्जी  का भूल गै 
अब हाथ मल्हा आप वा चौराहा मा ठाढ है। । 
हेमराज हंस -

कोई टिप्पणी नहीं:

कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।

कीर्तिमान निश  दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।  जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।  आये   नया   बिहान   शारदा   के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके  ...