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सोमवार, 13 अप्रैल 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : हमही जना थै वा नशा मा है। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : हमही जना थै वा नशा मा है। ।: मुक्तक  फलाने कहा थें निकही दशा मा है।  हमही   जना   थै वा    नशा मा है। ।  हेन पीरा के फसल कै लगान लागा थी  किसानन से पूँछा केतू ...

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पबरित परसाद भंडासराध कइ रहे हें।।

 जे मंदिर कै हमरे खंडित मरजाद कइ रहे हें।  पबरित   परसाद    भंडासराध   कइ  रहे  हें।।  उनहीं   पकड़  के  सीधे  सूली  मा  टांग  द्या  हमरे  धर...