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शुक्रवार, 24 अप्रैल 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : साहित्त के नस मा दुष्यंत केर मस है ,

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : साहित्त के नस मा दुष्यंत केर मस है ,: बघेली गजल  साहित्त फुर कहा थै लबरी नही कहै।  अपना के सत्ता अस जबरी नही कहै। ।  साहित्त के नस मा दुष्यंत केर मस है , साहित्त खउटही ...

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पबरित परसाद भंडासराध कइ रहे हें।।

 जे मंदिर कै हमरे खंडित मरजाद कइ रहे हें।  पबरित   परसाद    भंडासराध   कइ  रहे  हें।।  उनहीं   पकड़  के  सीधे  सूली  मा  टांग  द्या  हमरे  धर...