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गुरुवार, 23 अप्रैल 2015

BAGHELI SAHITYA: अहिल्या पुनः पाषाण होना चाहती है।

BAGHELI SAHITYA: अहिल्या पुनः पाषाण होना चाहती है।:  ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, मुक्तक लोक  मुक्तक मेला --45 --शब्द मुक्तक...

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पबरित परसाद भंडासराध कइ रहे हें।।

 जे मंदिर कै हमरे खंडित मरजाद कइ रहे हें।  पबरित   परसाद    भंडासराध   कइ  रहे  हें।।  उनहीं   पकड़  के  सीधे  सूली  मा  टांग  द्या  हमरे  धर...