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शनिवार, 18 अप्रैल 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : मुंह माही महिपर धरे मन मा भरे कुनैन।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : मुंह माही महिपर धरे मन मा भरे कुनैन।: दोहा  मुंह माही महिपर धरे मन मा भरे कुनैन।  अहित करै जे आन का ओही सुक्ख न चैन। ।           हेमराज हंस ---                           ...

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कीर्तिमान निश  दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।  जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।  आये   नया   बिहान   शारदा   के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके  ...