यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 7 अप्रैल 2015

पढ़इया स्कूल छूरा लइके आउ थें।

मुक्तक 

पढ़इया स्कूल  छूरा लइके आउ थें। 
हम उनसे पूंछ्यन  ता कारन बताऊ थें। । 
पढ़ाई के साथ साथ सुरक्षव  जरुरी है 
आज काल्ह सर जी पी के पढ़ाउ  थें। । 
        हेमराज हंस  

कोई टिप्पणी नहीं:

श्री शिवशंकर सरस जी

  श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास।  उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।।  सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर।  रिमही मा हें सरस जी , जस पा...