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बुधवार, 8 अप्रैल 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : गिलहरी के तन कै धारी देख ल्या। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : गिलहरी के तन कै धारी देख ल्या। ।: मुक्तक  तुमहूँ  अपने हाथ  कै चिन्हारी  देख ल्या।  पुन भाई चारा काटें बाली आरी देख ल्या। ।  नीक काम करिहा ता वा खून मा रही  '&#...

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श्री शिवशंकर सरस जी

  श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास।  उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।।  सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर।  रिमही मा हें सरस जी , जस पा...