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मंगलवार, 21 अप्रैल 2015

बघेली  

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पूछी अपना बपुरी से कि कइसा जी रही 
जेही कोऊ गारी दइस होय बाँझ कै। 
बीर पदमधर का या पीढ़ी नहीं जानै 
उनही मुखागर हें  किस्सा हीर रांझ कै। । ------------
  हेमराज हंस  

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पबरित परसाद भंडासराध कइ रहे हें।।

 जे मंदिर कै हमरे खंडित मरजाद कइ रहे हें।  पबरित   परसाद    भंडासराध   कइ  रहे  हें।।  उनहीं   पकड़  के  सीधे  सूली  मा  टांग  द्या  हमरे  धर...