मुक्तक
उई कहा थें व्यबस्था मा सुधार है।
लगा थै एहिन से फलाने उघार है। ।
नाक मा रुमाल धरे बाटा थें मावजा
जनता के ऊपर उनखर उपकार है। ।
हेमराज हंस -9575287490
बघेली साहित्य -का संग्रह हास्य व्यंग कविता गीत ग़ज़ल दोहा मुक्तक छंद कुंडलिया
कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान। जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।। आये नया बिहान शारदा के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके ...
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