बघेली साहित्य -का संग्रह हास्य व्यंग कविता गीत ग़ज़ल दोहा मुक्तक छंद कुंडलिया
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सोमवार, 21 अक्तूबर 2024
शुक्रवार, 18 अक्तूबर 2024
वा ता निकहा बीज रहा।
सोमवार, 14 अक्तूबर 2024
अब तो भइया जी अती होइगै।
शनिवार, 12 अक्तूबर 2024
गुरुवार, 10 अक्तूबर 2024
कवि सम्मलेन REWA 09.10.2024
शिव दुर्गा मंदिर समिति अनंतपुर रीवा मप्र के तत्वावधान में श्री दुर्गोत्सव के पावन प्रसंग में विशिष्ठ कवि सम्मलेन का सह भागी होने का अवसर प्राप्त हुआ। जिसमे देश के ख्याति लब्ध विद्वान मनीषीसुधि श्रोताओ के समक्ष वाणी पवित्र करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। सर्व श्री रामसिया शर्मा जी, श्री दुर्गा प्रसाद चतुर्वेदी जी ,श्री RP तिवारी जी , राष्ट्रिय कवि व्यंग्यकार रविशंकर चतुर्वेदी जी , श्री मति विमलेश जी सुश्री स्नेहा त्रिपाठी खनक जी डॉ रामसरोज शांतिदूत जी भृगुनाथ पांडेय भ्रमर जी हेमराज हंस भेड़ा। गरिमामयी संचालन आदरेय भ्रमर जी ने किया। संस्था के सम्माननीय सदस्यों का सादर आभार। कार्यक्रम में श्री सेवा राम त्रिपाठी जी जैसेशिक्षा विद विद्वान की उपस्थिति से सुवासित होता रहा। श्री दुर्गा प्रसाद चतुर्वेदी जी का काव्यपाठ न सुनपाने का मन में मलाल और अपराध बोध है।
प्रणाम -- रीवा धन्यवाद --- रीवा आभार रीवा
सोमवार, 7 अक्तूबर 2024
मंचीय मुक्तक
शुक्रवार, 4 अक्तूबर 2024
बघेली साहित्य bagheli sahitya हेमराज हंस : तहिन रखइया लाज।
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बघेली लोक साहित्य जब से मूड़े मा कउआ बइठ है। अशगुन लये बऊआ बइठ है। । इंदिरा आवास कै क़िस्त मिली ही वा खीसा मा डारे पउआ बइठ ...
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पहिले जब खड़े होकर लघु शंका करना निषिद्ध माना जाता था। तब की बात है।एक बालक खड़े होकर लघुशंका कर रहा था। गांव के एक बुजुर्ग ने देखा तो उसे...
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BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli kavita नाती केर मोहगरी ''आजा'' जुगये आस कै... : बघेली कविता www.baghelisahitya.co...
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बघेली लोक साहित्य जब से मूड़े मा कउआ बइठ है। अशगुन लये बऊआ बइठ है। । इंदिरा आवास कै क़िस्त मिली ही वा खीसा मा डारे पउआ बइठ ...
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बघेली लोक साहित्य -------------------------- पहिले भइलो अईना देखा। धौं पुन आपन धइना देखा। । चश्मा केर पोंछि के धूधुर जनत...