यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 4 नवंबर 2025

केत्ते अपराधी निता

 पूछ रही ही दलन से, दरबारन कै ईंट।

केत्ते अपराधी निता, ही आरक्षित सीट।।

कोई टिप्पणी नहीं:

श्री शिवशंकर सरस जी

  श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास।  उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।।  सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर।  रिमही मा हें सरस जी , जस पा...