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मंगलवार, 20 अक्टूबर 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : hemraj hans शीलवान भी यहां निःशील हो गये।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : hemraj hans शीलवान भी यहां निःशील हो गये।: निःशील हो गये  शीलवान भी यहां निःशील हो गये।  बंधु कंज भी यहां करील हो गये। ।  माना था जिनको स्त्रोत हमने मीठे नीर का  वे भी खारे ...

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श्री शिवशंकर सरस जी

  श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास।  उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।।  सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर।  रिमही मा हें सरस जी , जस पा...