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शनिवार, 25 मई 2024

जे दसा सुधारय गे रहे, गरीब सुदामा कै।

 जे दसा  सुधारय  गे रहे,  गरीब  सुदामा कै। 

उइ तार दइ के आय गें कुरथा पइयामा कै।।

 

अनभल तुकिन ता आपरूभ नस्ट होइगे उइ    

घर  घर मा  पूजा  होथी  बसामान  मामा कै।। 


उइ   कहा  थे  दोस्ती  का   हाथ  बढ़ा  ल्या 

करतूति  नहीं  बिसरय हमीं  पुलबामा  कै।।

 

धइ धइ के ओहटी टोर भांज कइ रहें हें जे 

बांच  बांच  कबिता  इकबाल अल्लामा कै। । 


आपन  इलिम लगाय के जब हीच उचे हंस

सगली  पोलपट्टी  खुलगै   कारनामा   कै।। 

हेमराज हंस  

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पबरित परसाद भंडासराध कइ रहे हें।।

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