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गुरुवार, 15 जनवरी 2015


BAGHELI SAHITYA: दोहा राजनीत धंधा बनी अख़बार बना उद्योग। हमरे भारत ...

BAGHELI SAHITYA: दोहा  राजनीत धंधा बनी अख़बार बना उद्योग। हमरे भारत ...: दोहा  राजनीत धंधा बनी अख़बार बना उद्योग।  हमरे भारत देस का कइसन  हबई कुजोग। ।                                           हेमरा...

दोहा 


राजनीत धंधा बनी अख़बार बना उद्योग। 
हमरे भारत देस का कइसन  हबई कुजोग। । 
                                      


  हेमराज त्रिपाठी htpp;//baghelihemrajblogspot.com

बुधवार, 14 जनवरी 2015

मुक्तक 

पुन के भाई सघरय लाग्या। htpp;//baghelihemraj.blogspot.com
दबी मुदी मा उघरय लाग्या। । 
छी द  परी  ता बधे रह्या 
उड़िला भा ता बगरय लाग्या। । 

हेमराज  त्रिपाठी 

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रविवार, 11 जनवरी 2015

चुप रह दादु 

उनखे कइती चका चक्क औ हमरे कई अमौसा है। 
द्ग द्ग देह  फलाने कै  हमरे   तन  मा खौसा है। । 
उई  गमला  कै हरियरी देख  खेती कै गणित लगाउथें 
चौबे   जी   कहिन    चुप     रहु     दादु    भाउसा है। । 

गुरुवार, 8 जनवरी 2015

दोहा 

वर्दी हम दर्दी बनी पढ़ के जानयन बोर्ड। 
खीसा मा ही इन्ट्री सड़क मा ओभर लोड। । 

बिन नेतन के होय न एकठेव लिग्धा काम। 
धौ काहे     तब देस     मा नेता   हें बदनाम। । 

बुधवार, 7 जनवरी 2015

htts//baghelihemrajblongspot.com


कइसन चलै गिरस्ती मामा। 
उतर गै सगली मस्ती मामा। । 
परछांई जब बढ़ई लाग् ता 
समुझा दिन कइ अस्ती मामा। । 

गुरुवार, 1 जनवरी 2015

गोबर से कण्डा बनय औ गोबरय से गौर।
आपन आपन मान है अपने अपने ठौर। 

हम उनही दिल दइ दीह्न अब गुर्दा  मागथे। 

लम्बी उमर जिअय के निता अबर्दा  मागथे। । 

उई रोज करथें नगदाय लोकतन्त्र के मंदिर मा 

फेर जनता के बीच मा आय के परदा मागथे। । 

कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।

कीर्तिमान निश  दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।  जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।  आये   नया   बिहान   शारदा   के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके  ...