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गुरुवार, 12 मार्च 2015

समय काहू का सगहा नही भा। ।

मुक्तक 

करिआरी अस पगहा नही भा। 
फ़ौज मा भर्ती रोगहा नही भा। । 
उनसे जाके कहि द्या भूभुर न करै 
समय काहू का सगहा नही भा। ।

हेमराज http;//baghelisahitya

बुधवार, 11 मार्च 2015

चला फलाने तरबा चाटी।

मुक्तक 

चला फलाने तरबा चाटी।
 औ पुन बइठे नक्क्स काटी। । 
चापलूस   के   परम्परा  कै 
सदियन से आपन परिपाटी। । 

हेमराज http'//baghelisahitya

मंगलवार, 10 मार्च 2015

योजनाओ को खा रहा भ्रष्टाचार का वाज। ।

लगता है  थक गये   माननीय शिवराज। 
योजनाओ को खा रहा भ्रष्टाचार का वाज। । 

"कृषि कर्मण"पुन के मिला धन्य धन्य शिवराज।

दोहा 

"कृषि कर्मण"पुन के मिला धन्य धन्य शिवराज। 
गद गद मध्यप्रदेश है औ जन जन का नाज़। ।   

भ्रष्टाचार मा लग रहा एकव नही लगाम।

कुण्डलिया 

भ्रष्टाचार मा लग रहा एकव नही लगाम। 
बिना घूँस के होय न एकठेव लिग्धा काम। । 
एकठेव लिग्धा काम कि जनता ही चउआनी।
हाहाकार   मचा   है    बाउर   ही   रजधानी। । 
चाहे   राशन कार्ड   हो या  कि  हो  आधार।
रिसवत हर जंघा लगी पसरा भ्रष्टाचार। । 

हेमराज हंस   

रविवार, 8 मार्च 2015

उनही गुजरात का गरबा जनाथै। ।

बघेली मुक्तक

 "फूल "   हमही     जरबा   जनाथै। 
बिन   जंगला   केर  अरबा जनाथै। । 
कश्मीर मा आतंकी खून कै होरी खेला थें 
उनही    गुजरात  का  गरबा जनाथै। ।  
                             

                                        हेमराज http;//baghelisahitya.com

शनिवार, 7 मार्च 2015

जो गद्दारों की रिहाई खुले आम करते हैं। ।

मुक्तक 

वे उनकी देश भक्ति को ?सलाम करते है। 
जो गद्दारों की रिहाई खुले आम करते हैं। । 
घाटी में सिसकता है बलिदानियों का खून 
ये वतन परस्ती को नीलाम करते है। । 

हेमराज हंस 

गुड़ देखाय के गूड़ा कै बात करा थें।

बघेली  गजल 

गुड़  देखाय के गूड़ा कै बात करा थें। 
मूड़ घोटाय के जूडा  कै बात करा थें।।
कहां से उनखे देहें का खून खऊलय,
चूड़ी पहिर के चूड़ा कै बात करा थें। । 
बपुरी  देस   भक्ती  बिहोस परी  ही ,
चाबिस ही बीछी  सूंडा  कै बात करा थें। । 
घोटालन का घुरबा लगा है भोपाल मा ,
चौपालन से बहरी कूड़ा कै बात करा थें। । 
खेत -खरिहान   बेचै  कै  तयारी   ही,
बखरी के बखारी से पूड़ा कै बात करा थें। । 
बहिगै    सत्ता के    धारा     मा    ३७० ,
नाटक मा मदारी जमूरा कै बात करा थें। । 

हेमराज 
    

मंगलवार, 3 मार्च 2015

उई अच्छे दिन का हलफनामा मागाथें।

बघेली  मुक्तक

उई अच्छे दिन का हलफनामा मागाथें। 
चाउर  का   रिन   सुदामा   मागाथें। । 
उनखर सूट बिकगै करोड़न मा फलाने 
अब खरीददार  कुर्था पायजामा मागाथें। । 
                                                          
          हेमराज   फलाने 
http;//baghelisahitya.com                                             
                                                        

उई अच्छे दिन का हलफनामा मागाथें।

उई अच्छे दिन का हलफनामा मागाथें। 

उई अच्छे दिन का हलफनामा मागाथें। 

रविवार, 1 मार्च 2015

बघेली मुक्तक

बघेली  मुक्तक 

----------------------------http.//baghelisahitya.com
हम  जानिथे अपना कै मजबूरी ही। 
धंधा करय का है ता राजनीत जरुरी ही। । 
सत्तर साल होइगे देस का आज़ाद भये 
गाँव तरसै पानी का अपना के मुँह मा अंगूरी ही। । 
                                                                     


      हेमराज  

9575287490

                                                              

                                                                   

मंगलवार, 24 फ़रवरी 2015

हम सरबरिया बाम्हन आह्यन

हम सरबरिया बाम्हन आह्यन 

हम सरबरिया  बाम्हन आह्यन मिलब साँझ के हाउली मा। 
मरजादा का माजब  धोऊब नरदा नाली        बाउली मा। । 
होन मेल     जोल भाई  चारा कै        साक्षात्  हिबै तस्बीर। http.//baghelisahitya.blogspot.com
नक्सल्बादी असम समिस्या औ नहि आय झंझट कश्मीर। । 
अगड़ा पिछड़ा आरछन का लफड़ा  बाला  नहि  आय  भेद। 
जात -पात अउ छुआछूत के ऊंच -नींच  के नहि आय खेद। । 
समता मिलै हँसत बोलत होन पैग भजिआ लपकाउरी मा। । 

एक नाव एक भाव मा बइठे   मिलिहै राजा रंक औ फक्कड़।
बड़े -बड़े परदूसन प्रेमी मिलिहै  सुलगाये  धुँआ औ धक्कड़। । 
रक्शा बाले  -नक्शा बाले   शिक्षा   स्वस्थ्य    सुरक्षा   बाले। 
बने  पुजारी   सरस्वती  के अद्धी   पउआ    बोतल   घाले। । 
बड़े शान से भाषन झारत  मद्ध निषेध  के रैली मा। । 

भले दये अदहन  चुलबा  मा  ताकै  टोरबन  कै  महतारी। 
औ हमार या अमल  सोबाबै रात के लड़का बिना बिआरी। । 
हमही चाही रोज साँझ के मुर्ग मुसल्लम पउआ अद्धी। 
शहर गॉव मा  लूट मार कई देइ ढ़ील कनून कै बद्दी। । 
हम बिन सून  ही राजनीत जस खरिहान कुरईली मा। । 

महुआ रानी पानी दय दय हमही बनै दिहिस लतखोर। 
पहलमान अस अकड़ रहे हन भले हबै अंतस कमजोर।।
बीस बेमारी  चढ़ी  है  तन  मा तउ नही या छूटै ट्याव। 
मदिरा तजा विक्ख की नाइ डिग्गी पीटा गांव -गांव। । 
नही  पी जयी  या  समाज  का बगाई कौरी कौरी मा। 
चला करी प्रण आइस  भाई कोउ जाय न हौली  मा। । 
 

                                                                               
       हेमराज     फलाने                                                                    
                                                                              
















गुरुवार, 12 फ़रवरी 2015

बघेली मुक्तक

बघेली मुक्तक 


हम जेहि मान्यन की बहुतै बिजार  है। 
लगथै   भाई  व  बरदा   गरिआर  है। । 
जब  उनसे पूंछ्यांन  ता कहाथें फलाने 
दहकी ता दहकी नही दल  का सिंगर है। । 


अब   सेंतै  लागै   माख  फलाने। 
हा तुमहिंन सबसे बांख फलाने। । 
तुहिन  लगाये   रह्या अदहरा 
तुहिन उचाबा राख फलाने। ।   


कवि -हेमराज त्रिपाठी ''फलाने ''
         भेड़ा मैहर मप्र 
9575287490 

बुधवार, 11 फ़रवरी 2015

BAGHELI SAHITYA: बघेली छन्द

BAGHELI SAHITYA: बघेली छन्द: बघेली  छन्द  उई कहाथें  देस से गरीबी हम भगाय देब , गरीबी या देस कै लुगाई आय नेता जी।  गरीबी भगाय के का खुदै तुम पेटागन मरिहै , व त...

बघेली छन्द

बघेली  छन्द 

उई कहाथें  देस से गरीबी हम भगाय देब ,

गरीबी या देस कै लुगाई आय नेता जी। 

गरीबी भगाय के का खुदै तुम पेटागन मरिहै ,

व तोहई पालै निता  बाप माई आय नेता जी। । 

गरीबी के पेंड़ का मँहगाई से तुम सींचे रहा ,

तोहरे निता कल्प वृक्ष नाई  आय नेता जी। । 

भाषण के अबीर से अस्वासन के कबीर से ,

तोहरे बोलिआय  का भउजाई आय नेता जी। । 



                                                                                   
                        हेमराज  त्रिपाठी                                                            
                    9575287490                                                                     


छन्द 

कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।

कीर्तिमान निश  दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।  जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।  आये   नया   बिहान   शारदा   के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके  ...