हम सरबरिया बाम्हन आह्यन
हम सरबरिया बाम्हन आह्यन मिलब साँझ के हाउली मा।
मरजादा का माजब धोऊब नरदा नाली बाउली मा। ।
नक्सल्बादी असम समिस्या औ नहि आय झंझट कश्मीर। ।
अगड़ा पिछड़ा आरछन का लफड़ा बाला नहि आय भेद।
जात -पात अउ छुआछूत के ऊंच -नींच के नहि आय खेद। ।
समता मिलै हँसत बोलत होन पैग भजिआ लपकाउरी मा। ।
एक नाव एक भाव मा बइठे मिलिहै राजा रंक औ फक्कड़।
बड़े -बड़े परदूसन प्रेमी मिलिहै सुलगाये धुँआ औ धक्कड़। ।
रक्शा बाले -नक्शा बाले शिक्षा स्वस्थ्य सुरक्षा बाले।
बने पुजारी सरस्वती के अद्धी पउआ बोतल घाले। ।
बड़े शान से भाषन झारत मद्ध निषेध के रैली मा। ।
भले दये अदहन चुलबा मा ताकै टोरबन कै महतारी।
औ हमार या अमल सोबाबै रात के लड़का बिना बिआरी। ।
हमही चाही रोज साँझ के मुर्ग मुसल्लम पउआ अद्धी।
शहर गॉव मा लूट मार कई देइ ढ़ील कनून कै बद्दी। ।
हम बिन सून ही राजनीत जस खरिहान कुरईली मा। ।
महुआ रानी पानी दय दय हमही बनै दिहिस लतखोर।
पहलमान अस अकड़ रहे हन भले हबै अंतस कमजोर।।
बीस बेमारी चढ़ी है तन मा तउ नही या छूटै ट्याव।
मदिरा तजा विक्ख की नाइ डिग्गी पीटा गांव -गांव। ।
नही पी जयी या समाज का बगाई कौरी कौरी मा।
चला करी प्रण आइस भाई कोउ जाय न हौली मा। ।
हेमराज फलाने