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सोमवार, 18 मई 2015

भाई अस दूसर नही जो भउजाई बांख न होय।

मुक्तक 

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भाई अस दूसर नही जो भउजाई बांख न होय। 
बाउर अस है वा समाज जेखर आपन भाख न होय। । 
बपुरी जनता नेम प्रेम भाई चारा से रहि तो लेय 
जो हमरे देस के नेतन का नैतिक अँधिआरी पाख न होय। । 
हेमराज हंस ---------------9575287490 

रविवार, 17 मई 2015

ये भी उसकी काफिआ सी लगती है। ।

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राजनीति माफिआ  सी लगती है। 
ये भी उसकी काफिआ सी लगती है। । 
हेमराज हंस 

शनिवार, 16 मई 2015

उई दहाई तक आय गें यहै दशा मा। ।

मुक्तक 

मोटाई  हरबी चढ़ा थी सत्ता के बसा मा। 
उई दहाई तक आय गें यहै दशा मा। । 
जनता कबहू  कहू कै सगही नही भै 
छिन मा उतरा थी जे रहा नशा मा। । 
हेमराज हंस 

भारत माता पाँव मा गुखरू बांधे बागा थी। ।

मुक्तक 

राजनीत पांव मा  घुंघरू बांधे बागा थी। 
भारत माता पाँव मा गुखरू बांधे बागा थी। । 
मँहगाई बजिंदा बोकइया कइ दीन्हिस 
गुंडई लंच का कुकड़ू कूं लये बागा थी। । 
हेमराज हंस  

गुरुवार, 14 मई 2015

सूर्पनखा के नाक कै डिजाइन हेरा थें।।

मुक्तक 

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उई  प्रगतिशील हैं तउ डाईन  हेरा थें। 
सूर्पनखा के  नाक कै डिजाइन हेरा थें।।
जब से मड़ये  तरी सारी से बोलियाँन  हें 
तब से उनही साढ़ूभाईन  हेरा  थें। । 
हेमराज हंस -----9575287490 

सोमवार, 11 मई 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : जेहि ''वन्देमातरम ''गामय मा लाज लागा थी

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : जेहि ''वन्देमातरम ''गामय मा लाज लागा थी: मुक्तक  ------------------------------------------- घिनहव   का नागा नही कहीं येही बड़प्पन मान कहा।  फलाने  कहा थें कि  हमहीं अकबर महा...

जेहि ''वन्देमातरम ''गामय मा लाज लागा थी

मुक्तक 

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घिनहव  का नागा नही कहीं येही बड़प्पन मान कहा। 
फलाने  कहा थें कि  हमहीं अकबर महान कहा। । 
जेहि ''वन्देमातरम ''गामय मा लाज लागा थी 
उई कहा थें हमू का भारत कै संतान कहा।।
हेमराज हंस 

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : आंसू पी पी के अघान बइठ हे। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : आंसू पी पी के अघान बइठ हे। ।: मुक्तक  अनमन अनमन सयान बइठ हे।  टन मन पीरा के बयान बइठ हे। ।  दोउ जून जुड़े जिव रोटी नही मिलै  आंसू पी पी के अघान बइठ हे। ।      ...

आंसू पी पी के अघान बइठ हे। ।

मुक्तक 

अनमन अनमन सयान बइठ हे। 
टन मन पीरा के बयान बइठ हे। । 
दोउ जून जुड़े जिव रोटी नही मिलै 
आंसू पी पी के अघान बइठ हे। । 
       हेमराज हंस 

सोमवार, 4 मई 2015

हेन किसानन के घर मा गरुड़ पुरान होथी। ।

मुक्तक ---------------------------------

समाज मा  दहेज़ कै भारी दुकान होथी। 
नींद नही आबै जब बिटिया सयान होथी। । 
उई कहिन तै देस से कि भागवत सुनबाउब 
हेन किसानन के घर मा गरुड़ पुरान होथी। । 
हेमराज हंस ----9575287490 
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BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : माणिक दादा ने कहा उच्च कोटि के नीच। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : माणिक दादा ने कहा उच्च कोटि के नीच। ।: दोहा  जहाँ व्यवस्था ने कसी कस्तूरी घींच।  माणिक दादा ने कहा  उच्च कोटि के नीच। ।

माणिक दादा ने कहा उच्च कोटि के नीच। ।

दोहा 

जहाँ व्यवस्था ने कसी कस्तूरी  की घींच। 
माणिक दादा ने कहा  उच्च कोटि के नीच। । 
हेमराज हंस ---9575287490 

रविवार, 3 मई 2015

हमरे ईमानदारी का रकवा रोज घटा थै।

मुक्तक 

हमरे ईमानदारी का रकवा रोज घटा थै। 
या खबर बांच बाँच के करेजा फटा थै। । 
जब उनसे पूंछयन ता कहा थें फलाने 
चरित्र का प्रमाण पत्र थाने मा बटा थै। । 
हेमराज हंस -------9575287490 

श्री शिवशंकर सरस जी

  श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास।  उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।।  सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर।  रिमही मा हें सरस जी , जस पा...