हम करी चेरउरी चुगल खोर तुम सुखी रहा य देस मा। तुम बइठे नक्कस काटा औ सब जन रहैं कलेष मा। । हे अकरमन्न हे कामचोर सब काँपैं तोहरे दांव से। कड़ी मशक्कत के कर्ता तक भागै तोहरे नांव से। । तुमसे सब है कारबार जस धरा धरी है शेष मा।
हे चापलूस चउगिर्दा हेन तोहरै तोहार ता धाक हिबै। तोहरेन चमचागीरी से हमरे नेतन कै नाक हिबै। । तुम कलजुग के देउता आहू अब माहिल के भेष मा।
हे !महा दोगला हे अकही !!अकहापन कै पूंजी तुम। बड़ा मजा पउत्या है जब आने कै करा नमूजी तुम। । गद्गद होय तोहार आत्मा जब कोउ परै कलेस मा।
तुम 'मनगवां के कुकूर कस ' चारिव कइती छुछुआत फिरा। मुँह देखी मा म्याऊ म्याऊ औ पीठ पीछ गुर्रात फिरा। । सगले हार तोहार असर है देस हो य परदेस मा।
केत्तव होय मिठास चाह छिन भर मा माहुर घोर द्या। तुम भाई हितुआ नात परोसी का आपुस मा फोर द्या। । तोहरे भीरुहाये मा पति -पत्नी तक चढ़ गें केस मा।
हे मंथरा के भाई तुम जय हो हे नारद के नाती। नाइ दुआ करत बागा बे डाक टिकस कै तुम पाती। । हे राम राज के 'धोबी 'तुम घुन लाग्या अवध नरेश मा । हम करी चेराउरी चुगल खोर तुम सुखी रहा य देस मा। । हेमराज हंस
गरीबन के निता सब मनसेरुआ हें। बिचारे के खटिआ मा तीन ठे पेरूआ हें। । चाह रजन्सी रही होय य की लोकतंत्र मंहगाई गुंडई पकरिन ओकर चेरुआ हें। । वा सदमा से भनेजिन बिहोस परी ही मामा कहा थें संच मा भइने बछेरुआ हें। । जब से महँग भै दार ता लपटा खई थे उनखे निता चुकंदर हमहीं रेरुआ हें । । उनखे सुची रास मा गउर धरी ही सत्तर साल से हंस के गोहूँ मा गेरुआ हें। । हेमराज हंस