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बुधवार, 24 जून 2015


 मत कहो आकाश में कुहरा घना है।
यह किसी की व्यक्ति गत आलोचना है

संस्कार कै हाट लगी है पै  ही महग बाजार। 
इहव सदी माही गरीब के पढ़य कै  नहि  आय तार 

शुक्रवार, 19 जून 2015

KAVI HEMRAJ HANS राजनीति में डिगरी की जरुरत नही होती।


राजनीति में डिगरी की जरुरत नही होती। 
जंगल में सिगड़ी की जरुरत नही होती।।
हेमराज हंस  9575287490 

BAGHELI KAVITA विद्या के मंदिर मा बरती हई लछमी की बाती। कइसन देस या पढ़ी लिखी सरस्वतिव सकुचातीं। । हेमराज हंस

बघेली कविता 

विद्या के मंदिर मा बरती हई लछमी की बाती। 
कइसन देस या पढ़ी लिखी सरस्वतिव सकुचातीं। । 
हेमराज हंस 

सोमवार, 8 जून 2015



बड़ी भयंकर गरमी है। 
ये कैसी बे शरमी हैं। ।
कागा से बोली  गौरैया 
तू तो बड़ा सत्कर्मी है। । 
हेमराज हंस 




BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli अम्मलक जना थै उनखे चाल से।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli अम्मलक जना थै उनखे चाल से।: मुक्तक  अम्मलक जना थै उनखे चाल से।  हरिश्चंद  समझौता है नटवर लाल से। ।  लबालब भरा है ता आज उई टर्रा थें  सब गूलर भाग जई है सूख ताल...

bagheli अम्मलक जना थै उनखे चाल से।

मुक्तक 

अम्मलक जना थै उनखे चाल से। 
हरिश्चंद  समझौता है नटवर लाल से। । 
लबालब भरा है ता आज उई टर्रा थें 
सब गूलर भाग जई है सूख ताल से। । 
हेमराज हंस --9575287490 

शुक्रवार, 5 जून 2015

baghejiउई शबरी के बेर का अमचुर बना के बेंचा थें।

बघेली गजल 

उई शबरी के बेर का अमचुर बना के बेंचा थें। 
सरासरीहन लबरी का फुर बना के बेंचा थें। । 
जे जीते के बाद हार गें जनता के विश्वास से 
अइसा कायर का बहादुर बना के बेंचा थें। । 
हेमराज हंस 9575287490   

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli kavita वमै डबरा योजना का पड़बा देखाई थे। ।...

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli kavita वमै डबरा योजना का पड़बा देखाई थे। ।...: मुक्तक  आबा ! गाँव मा शौचालय का गड़बा देखाइ थे।  वमै डबरा योजना का पड़बा  देखाई थे। ।  ब्यवस्था बताऊ थी वजट कै कमी ही  हम छूँछ सरकार...

hemrajhans------उनकी गुण्डागर्दी देखो।

मुक्तक 

यार उनकी गुण्डागर्दी देखो। 
ऊपर से हम दर्दी देखो। । 
घाव से मजाक करती है 
पीड़ा नाशक हल्दी देखो। । 
हेमराज हंस --9575287490 

सोमवार, 1 जून 2015

bagheli kavita वमै डबरा योजना का पड़बा देखाई थे। ।

मुक्तक 

आबा ! गाँव मा शौचालय का गड़बा देखाइ थे। 
वमै डबरा योजना का पड़बा  देखाई थे। । 
ब्यवस्था बताऊ थी वजट कै कमी ही 
हम छूँछ सरकारी भड़बा देखाई थे। । 
हेमराज हंस --9575287490 

bagheli kavita जनता जब पामै लगी जनधन बीमा लाभ।

कुण्डलिया 

जनता जब पामै  लगी जनधन बीमा लाभ। 
मोदी जी के दांव से बंद विपक्षी चाभ। । 
हेमराज हंस  

शनिवार, 30 मई 2015

जे कबहूँ खाइस नही रोटी भाइन साथ।

दोहा
जे कबहूँ खाइस नही रोटी भाइन साथ। 
ओखे हाथे मा हबै जगन्नाथ का भात। । 
हेमराज हंस -9575287490 

दोहा 

जे कबहूँ खाइस नही रोटी इन  

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : बेउहर के भीती लिखा ''अति गरीब परिवार ''।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : बेउहर के भीती लिखा ''अति गरीब परिवार ''।: दोहा  बेउहर के भीती  लिखा ''अति गरीब परिवार ''।      पानी पानी होइ रही बाँच बाँच सरकार।  हेमराज हंस --9575287490  ...

कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।

कीर्तिमान निश  दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।  जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।  आये   नया   बिहान   शारदा   के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके  ...