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शनिवार, 11 अप्रैल 2015

उई एकठे ''बोतल ''मा वोट ख़रीदा थे। ।

मुक्तक 

भईस अबै बिआन नही उई सोंठ ख़रीदा थे। 
लिपिस्टिक लगामै का ओठ ख़रीदा थे। । 
दुनिया के सबसे बड़े लोक तंत्र मा 
उई एकठे ''बोतल ''मा वोट ख़रीदा थे। । 
    हेमराज हंस 

गुरुवार, 9 अप्रैल 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : उनही गुजरात का गरबा जनाथै। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : उनही गुजरात का गरबा जनाथै। ।: बघेली मुक्तक  "फूल "   हमही     जरबा   जनाथै।  बिन   जंगला   केर  अरबा जनाथै। ।  कश्मीर मा आतंकी खून कै होरी खेला थें  उ...

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : गिलहरी के तन कै धारी देख ल्या। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : गिलहरी के तन कै धारी देख ल्या। ।: मुक्तक  तुमहूँ  अपने हाथ  कै चिन्हारी  देख ल्या।  पुन भाई चारा काटें बाली आरी देख ल्या। ।  नीक काम करिहा ता वा खून मा रही  '&#...

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : हमरेन लगिगा हरिजन एक्ट। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : हमरेन लगिगा हरिजन एक्ट। ।: मुक्तक  काल्ह बतामै गंगा भटट।  मचा साँझ के लठ्ठम लठ्ठ। ।  हम होन गयन करय समझौता  हमरेन लगिगा हरिजन एक्ट। ।   हेमराज हंस

हमरेन लगिगा हरिजन एक्ट। ।

मुक्तक 

काल्ह बतामै गंगा भटट। 
मचा साँझ के लठ्ठम लठ्ठ। । 
हम होन गयन करय समझौता 
हमरेन लगिगा हरिजन एक्ट। । 
 हेमराज हंस 

बुधवार, 8 अप्रैल 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : गिलहरी के तन कै धारी देख ल्या। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : गिलहरी के तन कै धारी देख ल्या। ।: मुक्तक  तुमहूँ  अपने हाथ  कै चिन्हारी  देख ल्या।  पुन भाई चारा काटें बाली आरी देख ल्या। ।  नीक काम करिहा ता वा खून मा रही  '&#...

जइसा भूखा कथा सुनै औ चित्त धरा परसादी मा। ।

मुक्तक 

जनता देख रही  ही नाटक राजनीत के खादी  मा । 
नही जना तै एकव आतर जुर्मी औ फरियादी मा।।
उनखर धरना अउर प्रदर्शन देख के अइसा लागा थै 
जइसा भूखा कथा सुनै औ चित्त धरा परसादी मा। । 
   हेमराज हंस 

गिलहरी के तन कै धारी देख ल्या। ।

मुक्तक 

तुमहूँ  अपने हाथ  कै चिन्हारी  देख ल्या। 
पुन भाई चारा काटें बाली आरी देख ल्या। । 
नीक काम करिहा ता वा खून मा रही 
''गिलहरी'' के तन कै धारी देख ल्या। । 
  हेमराज हंस 

मंगलवार, 7 अप्रैल 2015

पढ़इया स्कूल छूरा लइके आउ थें।

मुक्तक 

पढ़इया स्कूल  छूरा लइके आउ थें। 
हम उनसे पूंछ्यन  ता कारन बताऊ थें। । 
पढ़ाई के साथ साथ सुरक्षव  जरुरी है 
आज काल्ह सर जी पी के पढ़ाउ  थें। । 
        हेमराज हंस  

सोमवार, 6 अप्रैल 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : ''गौतम ''से जाके कहि द्या उच्छिन्न न करैं। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : ''गौतम ''से जाके कहि द्या उच्छिन्न न करैं। ।: मुक्तक  चेतना   के  देह  का     उई  झुन्न    न   करैं।  हाथ    जरै    ज्यमा   अइसा   पुन्न  न करैं। । इन्द्र   कै   बस्यार    ही   घ...

''गौतम ''से जाके कहि द्या उच्छिन्न न करैं। ।

मुक्तक 

चेतना   के  देह  का     उई  झुन्न    न   करैं। 
हाथ    जरै    ज्यमा   अइसा   पुन्न  न करैं। ।
इन्द्र   कै   बस्यार    ही   घर   के  नगीच मा 
''गौतम ''से जाके कहि द्या उच्छिन्न न करैं। । 
हेमराज हंस 

रविवार, 5 अप्रैल 2015

शनीचर का पता अढ़ैया से पूछत्या है।

मुक्तक 

शांति का पाठ लड़इया से पूछत्या है। 
शनीचर का पता अढ़ैया से पूछत्या है। । 
भोपाल से चला औ चौपाल मा हेराय गा 
विकास का पता मड़ैया से पूछत्या है।।
   हेमराज हंस  

शनिवार, 4 अप्रैल 2015

मुक्तक 

चउआन हेमै ''जगनिक '' के आल्हा। 
दंगा मा पकड़ गें सय्यद ताला। । 
अब नम्बर रसखान का है 
देस भक्त से पर गा पाला। । 
      हेमराज हंस 

घर बरिगा ता बरिगा हम दमकल ता देख्यन।।

मुक्तक 

पिआसा   परा   हम  हेन  नल  का देख्यन।
ऊसर   मा  बाइत  करत  हल का देख्यन। । 
आगी    लगाय   के   अब  कहा   थें   फलाने 
घर बरिगा ता बरिगा हम दमकल ता देख्यन।।     
                     हेमराज हंस 

जे आँधर बरदा बेँच दिहिन काजर आंज के। ।

मुक्तक 

''नल तरंग''बजाउ थें बजबइया झांझ के। 
देस भक्ति चढ़ा थी फलाने का साँझ के। । 
उनही   ईमानदार   कै उपाधि   दीन   गै  
जे आँधर बरदा बेँच दिहिन काजर आंज के। । 
                            हेमराज हंस 

श्री शिवशंकर सरस जी

  श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास।  उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।।  सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर।  रिमही मा हें सरस जी , जस पा...