मुक्तक
भईस अबै बिआन नही उई सोंठ ख़रीदा थे।
लिपिस्टिक लगामै का ओठ ख़रीदा थे। ।
दुनिया के सबसे बड़े लोक तंत्र मा
उई एकठे ''बोतल ''मा वोट ख़रीदा थे। ।
हेमराज हंस
बघेली साहित्य -का संग्रह हास्य व्यंग कविता गीत ग़ज़ल दोहा मुक्तक छंद कुंडलिया
कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान। जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।। आये नया बिहान शारदा के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके ...