बघेली मुक्तक
"फूल " हमही जरबा जनाथै।
बिन जंगला केर अरबा जनाथै। ।
कश्मीर मा आतंकी खून कै होरी खेला थें
उनही गुजरात का गरबा जनाथै। ।
हेमराज http;//baghelisahitya.com
बघेली साहित्य -का संग्रह हास्य व्यंग कविता गीत ग़ज़ल दोहा मुक्तक छंद कुंडलिया
श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास। उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।। सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर। रिमही मा हें सरस जी , जस पा...
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