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शनिवार, 18 अप्रैल 2015

मुंह माही महिपर धरे मन मा भरे कुनैन।

दोहा 

मुंह माही महिपर धरे मन मा भरे कुनैन। 
अहित करै जे आन का ओही सुक्ख न चैन। । 
         हेमराज हंस ---                              

गुरुवार, 16 अप्रैल 2015

कविता 

सुविधाएं हैं दूर दूर सब श्रम सीकर के योगी से। 
कह देना संदेश हमारा ''शंकर गुहा नियोगी से। । 

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : वमै हमरे देस का चरित्र चपा है। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : वमै हमरे देस का चरित्र चपा है। ।: मुक्तक  उनही जातिवाद मा खासा नफा है।  ओहिन मा सत्ता का सुदिन छपा है। ।  जातिवाद देस मा देवारी के परीबा अस  वमै हमरे देस का चरित्र ...

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : बइरी का कहत बाप चौराहा मा ठाढ़ है। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : बइरी का कहत बाप चौराहा मा ठाढ़ है। ।: मुक्तक  अपना का छाँड़ा पाप चौराहा मा ठाढ़ है।  बइरी का कहत बाप चौराहा मा ठाढ़ है। ।  कुरसी     कै   भूंख   मुखर्जी  का भूल गै  अब ह...

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : श्रम सीकर की टीस से होता सत्यानाश। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : श्रम सीकर की टीस से होता सत्यानाश। ।: दोहा  आंसू आह कराह वेदना औ पीरा संत्रास।  श्रम सीकर की टीस से होता सत्यानाश। ।  हेमराज हंस

श्रम सीकर की टीस से होता सत्यानाश। ।


दोहा 

आंसू आह कराह वेदना औ पीरा संत्रास। 
श्रम सीकर की टीस से होता सत्यानाश। । 
हेमराज हंस 

बइरी का कहत बाप चौराहा मा ठाढ़ है। ।

मुक्तक 


अपना का छाँड़ा पाप चौराहा मा ठाढ़ है। 
बइरी का कहत बाप चौराहा मा ठाढ़ है। । 
कुरसी     कै   भूंख   मुखर्जी  का भूल गै 
अब हाथ मल्हा आप वा चौराहा मा ठाढ है। । 
हेमराज हंस -

बुधवार, 15 अप्रैल 2015

वमै हमरे देस का चरित्र चपा है। ।

मुक्तक 

उनही जातिवाद मा खासा नफा है। 
ओहिन मा सत्ता का सुदिन छपा है। । 
जातिवाद देस मा देवारी के परीबा अस 
वमै हमरे देस का चरित्र चपा है। । 
      हेमराज हंस -9575287490 

मंगलवार, 14 अप्रैल 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : उई हालचाल पूंछा थें कालर पकड़ के। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : उई हालचाल पूंछा थें कालर पकड़ के। ।: मुक्तक  बलफ फियुज होइ गा झालर पकड़ के।  उई हालचाल पूंछा थें कालर पकड़ के। ।  सुदामा   के   चाउर   का   उई  का जानै  जे बचपन से खेलिन...

उई हालचाल पूंछा थें कालर पकड़ के। ।

मुक्तक 

बलफ फियुज होइ गा झालर पकड़ के। 
उई हालचाल पूंछा थें कालर पकड़ के। । 
सुदामा   के   चाउर   का   उई  का जानै 
जे बचपन से खेलिन हीं डालर पकड़ के। । 
           हेमराज हंस -    -9575287490 

सोमवार, 13 अप्रैल 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : हमही जना थै वा नशा मा है। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : हमही जना थै वा नशा मा है। ।: मुक्तक  फलाने कहा थें निकही दशा मा है।  हमही   जना   थै वा    नशा मा है। ।  हेन पीरा के फसल कै लगान लागा थी  किसानन से पूँछा केतू ...

हमही जना थै वा नशा मा है। ।

मुक्तक 

फलाने कहा थें निकही दशा मा है। 
हमही   जना   थै वा    नशा मा है। । 
हेन पीरा के फसल कै लगान लागा थी 
किसानन से पूँछा केतू दुर्दशा मा है। । 
हेमराज हंस -------9575287490 

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : वा गरीब कै बड़मंशी टोरिया कहाँ ही। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : वा गरीब कै बड़मंशी टोरिया कहाँ ही। ।: बारजा बचा है  बारजा       बचा    है     ओरिया    कहाँ   ही।  चंदा   मामा    दूध कै   खोरिया    कहाँ ही। ।  राशन कार्ड   हलाबत   चली ...

वा गरीब कै बड़मंशी टोरिया कहाँ ही। ।

बारजा बचा है 

बारजा      बचा    है     ओरिया    कहाँ   ही। 
चंदा   मामा    दूध कै   खोरिया    कहाँ ही। । 
राशन कार्ड   हलाबत   चली  गै  तिजिया 
कोटा   बाली   चीनी   कै  बोरिया कहाँ ही। । 
नोकरी  लगबामैं  का कहि  के लई गया तै 
वा  गरीब  कै  बड़मंशी  टोरिया  कहाँ ही। । 
सार अबाही ग्यरमा खूटा औ अम्मा का पहिला सुर 
कामधेनु   कै   पामर  वा  कलोरिया  कहाँ ही। । 
बे पनही   उतारे   मुड़हर   तक   चला  गा 
गाॅव   के   अदब   कै  ओसरिया कहाँ ही। । 
अश्व मेघ   जग्ग   कै  भभूत  परी  ही 
''लिंकन ''के लोकतंत्र कै अजोरिया कहाँ ही। । 
    हेमराज हंस - 9575287490 

रविवार, 12 अप्रैल 2015

लगा थै एहिन से फलाने उघार है। ।

मुक्तक 

उई कहा थें व्यबस्था मा सुधार है। 
लगा थै एहिन से फलाने उघार है। । 
नाक मा रुमाल धरे बाटा थें मावजा 
जनता के ऊपर उनखर उपकार है। । 
         हेमराज हंस -9575287490 

कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।

कीर्तिमान निश  दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।  जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।  आये   नया   बिहान   शारदा   के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके  ...