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रविवार, 19 अप्रैल 2015
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : अपनेन देस के माटी मा हम कब तक रहब अछूत। ।
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : अपनेन देस के माटी मा हम कब तक रहब अछूत। ।: अछूत जुगन बीति गें पुरखन पीढ़ी पियत य माहुर घूंट। अपनेन देस के माटी मा हम कब तक रहब अछूत। । एक दइव की हम सन्तानै कहै पुरान औ व...
अपनेन देस के माटी मा हम कब तक रहब अछूत। ।
अछूत
जुगन बीति गें पुरखन पीढ़ी पियत य माहुर घूंट।
अपनेन देस के माटी मा हम कब तक रहब अछूत। ।
एक दइव की हम सन्तानै कहै पुरान औ वेद।
तब काहे का छुआ छूत औ जातपांत का खेद।।
इसुर ता सब के बांधे है लाल रंग का सूत।
अपनेन देस के…… ………
हमिन रची देवालय का औ मूरत हमिन बनाई।
औ जब पूजा करय जई ता भीतर घुसै न पाई। ।
हमरे पुजहाई टठिया का पंडित कहैं अछूत।
अपनेन देस के..............
रामराज भें उदय राज ता खूब मचाया हल्ला।
पै समाज के या कुरीत का किहा न एकव तल्ला। ।
कइसा रुकी धरम परिवर्तन या तोहरे करतूत।
अपनेन देस के…… ………
धरम कै चिन्ता ही ता पहिले छुआछूत का म्याटा।
आन कै फूली पाछू झांक्या देखा आपन टयाँटा।।
''ईश्वर अंसही कछु नहि भेदा ''तुलसी कै कहनूत। ।
अपनेन देस के माटी मा हम कब तक रहब अछूत। ।
हेमराज हंस ----9575287490
शनिवार, 18 अप्रैल 2015
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : पेटहा जब मुखिया बना लुक लुक के खुब खाय।
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : पेटहा जब मुखिया बना लुक लुक के खुब खाय।: दोहा पेटहा जब मुखिया बना लुक लुक के खुब खाय। अस्पताल हिंठै लगा तउ न मन पछताय। । हेमराज हंस ----
पेटहा जब मुखिया बना लुक लुक के खुब खाय।
दोहा
पेटहा जब मुखिया बना लुक लुक के खुब खाय।
अस्पताल हिंठै लगा तउ न मन पछताय। ।
हेमराज हंस ----
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : मुंह माही महिपर धरे मन मा भरे कुनैन।
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : मुंह माही महिपर धरे मन मा भरे कुनैन।: दोहा मुंह माही महिपर धरे मन मा भरे कुनैन। अहित करै जे आन का ओही सुक्ख न चैन। । हेमराज हंस --- ...
मुंह माही महिपर धरे मन मा भरे कुनैन।
दोहा
मुंह माही महिपर धरे मन मा भरे कुनैन।
अहित करै जे आन का ओही सुक्ख न चैन। ।
हेमराज हंस ---
गुरुवार, 16 अप्रैल 2015
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : वमै हमरे देस का चरित्र चपा है। ।
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : वमै हमरे देस का चरित्र चपा है। ।: मुक्तक उनही जातिवाद मा खासा नफा है। ओहिन मा सत्ता का सुदिन छपा है। । जातिवाद देस मा देवारी के परीबा अस वमै हमरे देस का चरित्र ...
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : बइरी का कहत बाप चौराहा मा ठाढ़ है। ।
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : बइरी का कहत बाप चौराहा मा ठाढ़ है। ।: मुक्तक अपना का छाँड़ा पाप चौराहा मा ठाढ़ है। बइरी का कहत बाप चौराहा मा ठाढ़ है। । कुरसी कै भूंख मुखर्जी का भूल गै अब ह...
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : श्रम सीकर की टीस से होता सत्यानाश। ।
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : श्रम सीकर की टीस से होता सत्यानाश। ।: दोहा आंसू आह कराह वेदना औ पीरा संत्रास। श्रम सीकर की टीस से होता सत्यानाश। । हेमराज हंस
श्रम सीकर की टीस से होता सत्यानाश। ।
दोहा
आंसू आह कराह वेदना औ पीरा संत्रास।श्रम सीकर की टीस से होता सत्यानाश। ।
हेमराज हंस
बइरी का कहत बाप चौराहा मा ठाढ़ है। ।
मुक्तक
अपना का छाँड़ा पाप चौराहा मा ठाढ़ है।
बइरी का कहत बाप चौराहा मा ठाढ़ है। ।
कुरसी कै भूंख मुखर्जी का भूल गै
अब हाथ मल्हा आप वा चौराहा मा ठाढ है। ।
हेमराज हंस -
बुधवार, 15 अप्रैल 2015
वमै हमरे देस का चरित्र चपा है। ।
मुक्तक
उनही जातिवाद मा खासा नफा है।
ओहिन मा सत्ता का सुदिन छपा है। ।
जातिवाद देस मा देवारी के परीबा अस
वमै हमरे देस का चरित्र चपा है। ।
हेमराज हंस -9575287490
मंगलवार, 14 अप्रैल 2015
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : उई हालचाल पूंछा थें कालर पकड़ के। ।
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : उई हालचाल पूंछा थें कालर पकड़ के। ।: मुक्तक बलफ फियुज होइ गा झालर पकड़ के। उई हालचाल पूंछा थें कालर पकड़ के। । सुदामा के चाउर का उई का जानै जे बचपन से खेलिन...
उई हालचाल पूंछा थें कालर पकड़ के। ।
मुक्तक
बलफ फियुज होइ गा झालर पकड़ के।
उई हालचाल पूंछा थें कालर पकड़ के। ।
सुदामा के चाउर का उई का जानै
जे बचपन से खेलिन हीं डालर पकड़ के। ।
हेमराज हंस - -9575287490
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