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रविवार, 5 जुलाई 2015
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : hemraj hans वे बड़े समाजसेवी हैं खून पीते है।
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : hemraj hans वे बड़े समाजसेवी हैं खून पीते है।: मुक्तक वे बड़े समाजसेवी हैं खून पीते है। कला देखिये फ़टे छाते में ऊन सीते हैं.।। समाज में उनका हीं दबदबा है जो वैभव से भरे हैं...
hemraj hans वे बड़े समाजसेवी हैं खून पीते है।
मुक्तक
वे बड़े समाजसेवी हैं खून पीते है।
कला देखिये फ़टे छाते में ऊन सीते हैं.।।
समाज में उनका हीं दबदबा है
जो वैभव से भरे हैं संवेदना से रीते हैं। ।
हेमराज हंस --9575287490
गुरुवार, 2 जुलाई 2015
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : BAGHELI KAVITA दवाई के दुकान मा मिटटी का तेल। ।
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : BAGHELI KAVITA दवाई के दुकान मा मिटटी का तेल। ।: मुक्तक --------------------- वाह रे राजनीत का खेल। दवाई के दुकान मा मिटटी का तेल। । सदाचार मा गारी गुझुआ भ्रष्टाचार मा सरस...
BAGHELI KAVITA दवाई के दुकान मा मिटटी का तेल। ।
मुक्तक
---------------------
वाह रे राजनीत का खेल।
दवाई के दुकान मा मिटटी का तेल। ।
सदाचार मा गारी गुझुआ
भ्रष्टाचार मा सरस मेल। ।
हेमराज हंस -9575287490
बुधवार, 1 जुलाई 2015
सोमवार, 29 जून 2015
तुलसी के बगिया मा नकटी कहां से आय गै।
मुक्तक
तुलसी के बगिया मा नकटी कहां से आय गै।
यतना पचामै कै शक्ती कहाँ से आय गै । ।
गोकरन के सभा मा धुंधकारी कै धाक ही
सत्ता के व्याकरण मा विभक्ति कहाँ से आय गै। ।
हेमराज हंस ----9575287490
नकटी--एक तरह की झाड़ी
रविवार, 28 जून 2015
तोहरे प्रेम के चिन्हारी अस।
तोहरे प्रेम के चिन्हारी अस।
गउद औ पइनारी अस। ।
सरा थी आंसू मा
जीवन के अमारी अस। ।
हेमराज हंस
मौन के पीड़ा की अनुभूति देखिये।
मौन के पीड़ा की अनुभूति देखिये।
सदाचार का भ्रष्टो से सहानुभूति देखिये। ।
विश्वास आहत हो रहा है लोक तंत्र का
पदों औ क़दों की प्रतिभूति देखिये। ।
हेमराज हंस
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli boliभरे आषाढ़ मा बरदा हेराय गा।
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli boliभरे आषाढ़ मा बरदा हेराय गा।: बघेली बोली भरे आषाढ़ मा बरदा हेराय गा। जइसा रीढ़ हीन का गरदा हेराय गा। । अब 'चाल चेहरा चरित्र 'कै चर्चा नही चलै घिनहा पा...
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli boli जब हवन कुण्ड मागय लगा पण्डित का बलिदा...
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli boli जब हवन कुण्ड मागय लगा पण्डित का बलिदा...: जब हवन कुण्ड मागय लगा पण्डित का बलिदान। पूजा पत्री छोड़ के पेल भगें जजमान। । हेमराज हंस --9575287490
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : KAVI HEMRAJ HANS राजनीति में डिगरी की जरुरत नही ह...
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : KAVI HEMRAJ HANS राजनीति में डिगरी की जरुरत नही ह...: राजनीति में डिगरी की जरुरत नही होती। जंगल में सिगड़ी की जरुरत नही होती।। हेमराज हंस 9575287490
bagheli boli जब हवन कुण्ड मागय लगा पण्डित का बलिदान।
जब हवन कुण्ड मागय लगा पण्डित का बलिदान।
पूजा पत्री छोड़ के पेल भगें जजमान। ।
हेमराज हंस --9575287490
शुक्रवार, 26 जून 2015
bagheli boliभरे आषाढ़ मा बरदा हेराय गा।
बघेली बोली
भरे आषाढ़ मा बरदा हेराय गा।
जइसा रीढ़ हीन का गरदा हेराय गा। ।
अब 'चाल चेहरा चरित्र 'कै चर्चा नही चलै
घिनहा पानी निकरैं का नरदा हेराय गा। ।
हेमराज हंस > 9575287490
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