बघेली साहित्य -का संग्रह हास्य व्यंग कविता गीत ग़ज़ल दोहा मुक्तक छंद कुंडलिया
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शनिवार, 12 अक्टूबर 2024
गुरुवार, 10 अक्टूबर 2024
कवि सम्मलेन REWA 09.10.2024
शिव दुर्गा मंदिर समिति अनंतपुर रीवा मप्र के तत्वावधान में श्री दुर्गोत्सव के पावन प्रसंग में विशिष्ठ कवि सम्मलेन का सह भागी होने का अवसर प्राप्त हुआ। जिसमे देश के ख्याति लब्ध विद्वान मनीषीसुधि श्रोताओ के समक्ष वाणी पवित्र करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। सर्व श्री रामसिया शर्मा जी, श्री दुर्गा प्रसाद चतुर्वेदी जी ,श्री RP तिवारी जी , राष्ट्रिय कवि व्यंग्यकार रविशंकर चतुर्वेदी जी , श्री मति विमलेश जी सुश्री स्नेहा त्रिपाठी खनक जी डॉ रामसरोज शांतिदूत जी भृगुनाथ पांडेय भ्रमर जी हेमराज हंस भेड़ा। गरिमामयी संचालन आदरेय भ्रमर जी ने किया। संस्था के सम्माननीय सदस्यों का सादर आभार। कार्यक्रम में श्री सेवा राम त्रिपाठी जी जैसेशिक्षा विद विद्वान की उपस्थिति से सुवासित होता रहा। श्री दुर्गा प्रसाद चतुर्वेदी जी का काव्यपाठ न सुनपाने का मन में मलाल और अपराध बोध है।
प्रणाम -- रीवा धन्यवाद --- रीवा आभार रीवा
सोमवार, 7 अक्टूबर 2024
मंचीय मुक्तक
शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2024
बघेली साहित्य bagheli sahitya हेमराज हंस : तहिन रखइया लाज।
बुधवार, 2 अक्टूबर 2024
तुम खेती मा लाभ का धन्धा बतामय आ गया।
य विपत के घरी मा तुमहूं भजामैं आ गया।
तलवार फरगत के जघा पायल मजामै आ गया। ।
अबहिंन एक किसान कै लहास उची ही
तुम खेती मा लाभ का धन्धा बतामय आ गया। ।
सोमवार, 30 सितंबर 2024
मइहर जिला शारद नगरी।
मैहर जिला
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मइहर जिला शारद नगरी।
जेखर कीरती जग बगरी।।
पहिलय पूजा करै नित आल्हा।
रोज चढ़ाबै फूल औ माला ।।
राम सखा जू का आश्रम पाबन।
ओइला गोलामठ पबरित मन।।
गोपाल बाग औ राम बाग मा।
पहुंचै वहै है जेखे भाग मा ।।
हनुमत कुंज भदन पुर बाले।
हें कैमोर पहार के खाले। ।
श्री सिद्ध बाबा मऊ डोंगरी ।।
मइहर जिला शारद नगरी।
श्रद्धा श्रम संगीत का संगम ।
किहन अगस्तव का स्वागत हम ।।
भै नहीं झुकेही केर समीक्षा।
जहां दिहिन अगस्त विंध्य का दीक्षा।।
बाणासुर का हिअय मनाउरा।
गाँव गाँव मा खेर का चउरा ।।
चउकी चटकउला चपना के।
हनुमत कष्ट हरैं अपना के।।
गाँव करसरा कालका काली।
दुर्गा मइया बछरा बाली ।।
जहाँ भक्ती कै कलश बनै गगरी।
मइहर जिला शारद नगरी। ।
खजुरी ताल का मंदिर भइया।
पोंड़ी धाम मा होय समइया ।।
मुकुंदपुर का इतिहास पुरातन।
जहाँ जगन्नाथ जू स्वयं सनातन।।
हुअय बना है शेर सफारी।
अपने बिंध कै बना चिन्हारी।।
पपरा मा श्री राम दूत हैं ।
रामनगर मा गिद्ध कूट हैं ।।
मार्कण्डेय कै आश्रमधानी।
बाणभट्ट का सुमिरै बानी।।
बाणसागर करै जहाँ पैपखरी।
मइहर जिला शारद नगरी।
हेमराज हंस भेड़ा
शनिवार, 21 सितंबर 2024
मदन मोहन मिश्र ---बनारस
शुक्रवार, 20 सितंबर 2024
पबरित परसाद भंडासराध कइ रहे हें।।
जे मंदिर कै हमरे खंडित मरजाद कइ रहे हें।
पबरित परसाद भंडासराध कइ रहे हें।।
उनहीं पकड़ के सीधे सूली मा टांग द्या
हमरे धरम के साथ जे अपराध कइ रहे हें।।
हेमराज हंस -भेड़ा मैहर
रविवार, 15 सितंबर 2024
KAVI SAMMELAN KARVI 14.09.2024
हिंदी दिवस पर पावन धाम चित्रकूट के पुरानी कोतवाली केसामने हुए कवि सम्मेलन में कवियों
ने हर रस की कविताएं सुनाकरलोगों का भरपूर मनोरंजन किया।इसका आयोजन योगेंद्र दत्त द्विवेदी
एजूकेशन सोसायटी, साहित्यसाधना ग्रुप एवं नगर पालिकापरिषद के संयुक्त तत्वावधान मेंकिया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत आचार्यब्रजेंद्र शास्त्री ने दीप प्रज्ज्वलनसे की। अध्यक्षता शायर अख्तरफ़राज़ ने की। संचालन डा. मनोजद्विवेदी, हबीब खान व छतरपुर केकवि सूरज पंडित ने किया। सतनाकी कवयित्री दीपा गौतम ने बेटियों
पर रचना पढ़, नीरांजना के पुष्प
सी होती हैं बेटियां, कोमलहृदय
करुणा सी होती हैं बेटियां।
चरखारीके प्रदीप दिहुलिया ने व्यंग्य रचना,
चाहते हो जीवन को सफल बनाना
यदि, पत्नी की हां में हां मिलाते चले
जाइए, वह दिन को कहे जो रात,
दूध को कहे जो भात, सहमति में
शीश को हिलाते चले जाइए पढ़कर
वाहवाही बटोरी।
सूरज पंडित ने पढ़ा, खुशियों का संसार तुम्हारे नाम
किया, जीवन भर का प्यार तुम्हारे
नाम किया।
मैहर के कवि हेमराज हंस ने,
फलाने कै भईंस बहुत
पल्हात ही, लागत है मिड डे मील कै
दरिया खात ही, गभुआर चले गें पेट
खलाये सरकारी योजना ठाड़े बिदुरात ही।
पढ़कर व्यवस्थाओं पर करारी चोट
की।
दिनेश दीक्षित संघर्षी ने, हिंद
देश का मान हूं मैं तो हिंदी भाषा
ठहरी हूं, क्यों बेबस लाचार खड़ी
मैं जंजीरों में जकड़ी हूं, से भाषा की
व्यथा को व्यक्त किया।
श्रीनारायणतिवारी ने इंसानियत पर पंक्तियांपढ़ीं, जिनको प्यारे सभी इंसान नहींहोते हैं, वो तो हिंदू या मुसलमान
नहीं होते हैं। मेरे श्रीराम ही अल्ला भी तुम्हारे हैं, एक दुनिया में दोभगवान नहीं होते हैं। गज़लकारअख्तर फ़राज़ ने मंदाकिनी नदीकी अनदेखी पर व्यथा जताई, नदी
मंदाकिनी से वाकई ह पै ्यार तो दखे ो,हरी मोहन राय, संदीप श्रीवास्तवने भी रचनाएं पढ़ीं। समाजसेवीअभिमन्यु भाई ने मंदाकिनी कीअविरल धारा के लिए मार्मिक रचनासस्वर प्रस्तुत की। बांदा की रीनासिंह ने बेटियों और मां मंदाकिनीपर अपनी रचना पढ़कर भावविभोर
कर दिया। इस मौके पर सदर विधायक अनिल प्रधान, अधिवक्ता आलोक द्विवेदी, रामबाबू गुप्ता,रमेश चंद्र द्विवेदी, जगदीश गौतम, राजा करवरिया, ज्योति करवरिया, चित्रा द्विवेदी, सीमा शुक्ला, डा. एसपी त्रिपाठी, रामपाल त्रिपाठी,रामलाल द्विवेदी प्राणेश, राघव चित्रकूटी, राजेश जायसवाल, अर्चन द्विवेदी, आदि ने कवियों काउत्साहवर्धन किया।
बुधवार, 11 सितंबर 2024
unchehara kavi sammelan
शानदार भा कवि सम्मलेन, गरिमा पूर्ण उचहरा मा।
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पहिले जब खड़े होकर लघु शंका करना निषिद्ध माना जाता था। तब की बात है।एक बालक खड़े होकर लघुशंका कर रहा था। गांव के एक बुजुर्ग ने देखा तो उसे...
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BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli kavita नाती केर मोहगरी ''आजा'' जुगये आस कै... : बघेली कविता www.baghelisahitya.co...
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बघेली लोक साहित्य -------------------------- पहिले भइलो अईना देखा। धौं पुन आपन धइना देखा। । चश्मा केर पोंछि के धूधुर जनत...
कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।
कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान। जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।। आये नया बिहान शारदा के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके ...