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मंगलवार, 21 जुलाई 2015

bagheli kavitaहमी जातिवाद का खाँचा न देखाबा।

मुक्तक 

हमी जातिवाद का खाँचा न देखाबा। 
जनता का नफरत का तमाचा न देखाबा। । 
य देस देखे बइठ है महाभारत के युयुत्स का 
अपने वफादारी का साँचा न देखबा। । 
हेमराज हंस ---9575287490 

मंगलवार, 14 जुलाई 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : बघेली कवि हेमराज हंस -बड़ा भयानक लगि रहा लोकतंत्र क...

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : बघेली कवि हेमराज हंस -बड़ा भयानक लगि रहा लोकतंत्र क...: दोहा  बड़ा भयानक लगि रहा लोकतंत्र का चित्र।  गंधइलन  के कान मा खोंसा फूहा इत्र  । ।  हेमराज हंस 9575287490  

बघेली कवि हेमराज हंस -बड़ा भयानक लगि रहा लोकतंत्र का चित्र।


दोहा 

बड़ा भयानक लगि रहा लोकतंत्र का चित्र। 
गंधइलन  के कान मा खोंसा फूहा इत्र  । । 
हेमराज हंस 9575287490   



रविवार, 5 जुलाई 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : hemraj hans वे बड़े समाजसेवी हैं खून पीते है।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : hemraj hans वे बड़े समाजसेवी हैं खून पीते है।: मुक्तक  वे बड़े समाजसेवी हैं खून पीते  है।  कला देखिये  फ़टे छाते  में ऊन सीते हैं.।। समाज में उनका हीं दबदबा है  जो वैभव से भरे हैं...

hemraj hans वे बड़े समाजसेवी हैं खून पीते है।

मुक्तक 

वे बड़े समाजसेवी हैं खून पीते  है। 
कला देखिये  फ़टे छाते  में ऊन सीते हैं.।।
समाज में उनका हीं दबदबा है 
जो वैभव से भरे हैं संवेदना से रीते हैं। । 
हेमराज हंस --9575287490  

गुरुवार, 2 जुलाई 2015

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : BAGHELI KAVITA दवाई के दुकान मा मिटटी का तेल। ।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : BAGHELI KAVITA दवाई के दुकान मा मिटटी का तेल। ।: मुक्तक  --------------------- वाह रे राजनीत का खेल।  दवाई के दुकान मा मिटटी का तेल। ।  सदाचार मा गारी गुझुआ  भ्रष्टाचार मा सरस...

BAGHELI KAVITA दवाई के दुकान मा मिटटी का तेल। ।

मुक्तक 


---------------------
वाह रे राजनीत का खेल। 
दवाई के दुकान मा मिटटी का तेल। । 
सदाचार मा गारी गुझुआ 
भ्रष्टाचार मा सरस मेल। । 
हेमराज हंस -9575287490 

बुधवार, 1 जुलाई 2015

मुक्तक 

चन्दन गंधा थै ता होरसा का कउन दोख है। 
नाली भठी ही ता बरसा का कउन दोख है। । 
जब सहस्त्राबाहु अत्याचार कई रहा है 
तब परसराम के परसा का कउन दोख है। । 
हेमराज हंस -9572587490 

सोमवार, 29 जून 2015

तुलसी के बगिया मा नकटी कहां से आय गै।

मुक्तक 

तुलसी के बगिया मा नकटी कहां से आय गै। 
यतना पचामै कै शक्ती कहाँ से आय गै  । । 
गोकरन के सभा मा धुंधकारी कै धाक ही 
सत्ता के व्याकरण मा विभक्ति कहाँ से आय गै। । 
हेमराज हंस ----9575287490 

नकटी--एक तरह की झाड़ी 

रविवार, 28 जून 2015

तोहरे प्रेम के चिन्हारी अस।

तोहरे प्रेम के चिन्हारी अस। 


गउद औ पइनारी अस। । 
सरा थी आंसू मा 
जीवन के अमारी अस। । 
हेमराज हंस 

मौन के पीड़ा की अनुभूति देखिये।


मौन के पीड़ा की अनुभूति देखिये। 
सदाचार का भ्रष्टो से  सहानुभूति देखिये। । 
विश्वास आहत हो रहा है लोक तंत्र का 
पदों औ क़दों की प्रतिभूति देखिये। । 
हेमराज हंस 

hemraj hans वे दूध के धुले हैं।


वे दूध के धुले हैं।
रहस्य अभी खुले हैं। ।
ये स्थाई समस्या के
कुछ बुल बुले हैं। । ------हेमराजहंस

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli boliभरे आषाढ़ मा बरदा हेराय गा।

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli boliभरे आषाढ़ मा बरदा हेराय गा।: बघेली बोली  भरे आषाढ़ मा बरदा हेराय गा।  जइसा रीढ़ हीन का गरदा हेराय गा। ।  अब 'चाल चेहरा चरित्र 'कै चर्चा नही चलै  घिनहा पा...

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli boli जब हवन कुण्ड मागय लगा पण्डित का बलिदा...

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : bagheli boli जब हवन कुण्ड मागय लगा पण्डित का बलिदा...: जब हवन कुण्ड मागय लगा पण्डित का बलिदान।  पूजा पत्री छोड़ के पेल भगें जजमान। ।  हेमराज हंस --9575287490

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : KAVI HEMRAJ HANS राजनीति में डिगरी की जरुरत नही ह...

BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : KAVI HEMRAJ HANS राजनीति में डिगरी की जरुरत नही ह...: राजनीति में डिगरी की जरुरत नही होती।  जंगल में सिगड़ी की जरुरत नही होती।। हेमराज हंस  9575287490

कीर्तिमान निश दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।

कीर्तिमान निश  दिन बढ़े, गढ़ें नये सोपान।  जन्म दिन की शुभकमना, आये नया बिहान।।  आये   नया   बिहान   शारदा   के प्रिय लालन । मैहर का हो आपके  ...