मुक्तक
तुलसी के बगिया मा नकटी कहां से आय गै।
यतना पचामै कै शक्ती कहाँ से आय गै । ।
गोकरन के सभा मा धुंधकारी कै धाक ही
सत्ता के व्याकरण मा विभक्ति कहाँ से आय गै। ।
हेमराज हंस ----9575287490
नकटी--एक तरह की झाड़ी
बघेली साहित्य -का संग्रह हास्य व्यंग कविता गीत ग़ज़ल दोहा मुक्तक छंद कुंडलिया
श्री शिवशंकर सरस जी, बोली के चउमास। उनसे छरकाहिल रहैं, तुक्क बाज बदमास।। सादर ही सुभकामना, जनम दिना कै मोर। रिमही मा हें सरस जी , जस पा...